केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने तमिल को एक ‘मधुर’ भाषा बताते हुए शनिवार (15 मार्च, 2025) को कहा कि यह देश और दुनिया के लिए बहुत मूल्यवान है. केंद्रीय रेलवे, सूचना एवं प्रसारण, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ने चेन्नई के श्रीपेरंबदूर में जेटवर्क इलेक्ट्रॉनिक्स के एक विनिर्माण कारखाने के उद्घाटन कार्यक्रम में कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमेशा यह सुनिश्चित किया है कि हर भारतीय भाषा को उसका उचित सम्मान मिले'. 

अपने भाषण की शुरुआत में तमिल भाषा में पारंपरिक ‘वणक्कम’ (नमस्ते) के साथ लोगों का अभिवादन करते हुए वैष्णव ने कहा, 'तमिल एक बहुत ही मधुर भाषा है. मैं केवल तीन शब्दों को जानता हूं - वणक्कम, एप्पाडी इरुकेंगा (आप कैसे हैं) और नंद्री (धन्यवाद)'.

आईआईटी कानपुर में सदगोपन के साथ बातचीत का जिक्र करते हुए मंत्री ने कहा, 'सदगोपन ने मुझे तमिल भाषा से परिचित कराया और उत्तर भारत में तमिल को आमतौर पर मसाला डोसा के नाम से जाना जाता है. उन्होंने मुझे तमिल संस्कृति के कई पहलुओं से परिचित कराया. यह बहुत ही गहरी संस्कृति है, बहुत प्राचीन संस्कृति है. हम सभी तमिल संस्कृति और तमिल भाषा का सम्मान करते हैं. यह हमारे देश की एक संपत्ति है और हमें इस पर गर्व होना चाहिए’.

वैष्णव ने कहा, 'दूरसंचार और डाटा संरक्षण कानूनों में हमारे प्रधानमंत्री ने हमें प्रेरित किया और पूछा कि नोटिस केवल अंग्रेजी में क्यों होना चाहिए और सभी भारतीय भाषाओं में क्यों नहीं होना चाहिए. इसलिए उनसे प्रेरणा लेते हुए हमने कानून में ही कहा है कि संविधान में सभी भाषाएं लोगों के लिए विकल्प के रूप में उपलब्ध होनी चाहिए'.

उन्होंने कहा, 'हम सभी को अपने देश को बहुत मजबूत बनाने के एक बड़े लक्ष्य पर ध्यान देना चाहिए, यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हम तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनें'.

रेल मंत्री की ये टिप्पणी तमिलनाडु में जारी भाषा विवाद के बीच आई है, जहां सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से प्रदेश में केंद्र पर हिंदी थोपने का आरोप लगाया है. केंद्र सरकार ने हालांकि ऐसी किसी भी बात से इनकार किया है.

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