हिमंत बिस्व सरमा बोले- राहुल गांधी राष्ट्र-विरोधी हैं, सिर्फ बांग्लादेशी और पाकिस्तानी मुसलमानों के साथ
हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि प्रियंका गांधी के असम आने से कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन पहले कामाख्या, बटद्रवा, चराइदेव मोइदम और रंग घर जाने की बात होनी चाहिए, उसके बाद धुबरी भी जाएं.

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर राष्ट्र-विरोधी होने का आरोप लगाया है. उनक कहना है कि राहुल गांधी सिर्फ बांग्लादेश और पाकिस्तान के मुसलमानों का समर्थन करते हैं. रविवार (4, अगस्त, 2025) को हिमंत बिस्व सरमा 'बोडोलैंड टेरीटोरियल रीजन' में एक चुनाव प्रचार सभा में शामिल हुए.
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार सभा के बाद संवाददाताओं से बात करते हुए उन्होंने राहुल गांधी पर यह आरोप लगाया. हिमंत बिस्व सरमा ने कहा, 'राहुल गांधी भारत-विरोधी हैं. वह सिर्फ बांग्लादेशी और पाकिस्तानी मुसलमानों के साथ हैं. वह न तो भारतीय हिंदुओं के साथ हैं न ही भारतीय मुसलमानों के साथ. राहुल गांधी की शख्सियत भारत विरोधी है.' इस दौरान उन्होंने यह भी दावा किया कि कांग्रेस कामाख्या मंदिर और महापुरुष श्रीमंत शंकरदेव जैसे असम की पहचान के प्रतीकों का सम्मान नहीं करती.
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी के असम दौरे के बारे में पूछे जाने पर हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि उन्हें इससे कोई आपत्ति नहीं है. उन्होंने कहा, 'मुझे प्रियंका गांधी के असम आने से कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन असम की स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाएं प्रियंका गांधी से 100 गुना अधिक आगे हैं. असम की महिलाएं, खासकर स्वयं सहायता समूह की सदस्य हर मामले में प्रियंका गांधी को मात देंगी.'
उन्होंने सवाल किया, 'वह (प्रियंका गांधी) हमारी महिलाओं से मुकाबला नहीं कर सकतीं. हमारी महिलाएं लारू, पीठा जैसी पारंपरिक असमिया मिठाइयां बनाती हैं, धान के खेतों में काम करती हैं और अपने बच्चों को स्कूल-कॉलेज भेजती हैं. प्रियंका गांधी हमारी महिलाओं से कैसे मुकाबला कर सकती हैं?'
इससे पहले कांग्रेस की असम इकाई के अध्यक्ष गौरव गोगोई ने कहा कि पार्टी सांसद प्रियंका गांधी ने असम, खासकर धुबरी जाने की इच्छा व्यक्त की है जहां उन्होंने पिछले लोकसभा चुनावों के दौरान प्रचार किया था. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए, हिमंत बिस्व सरमा ने दावा किया, 'वे लोग धुबरी को ही असम समझते हैं. धुबरी जाने में कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन पहले कामाख्या, बटद्रवा, चराइदेव मोइदम और रंग घर जाने की बात होनी चाहिए, उसके बाद धुबरी भी जाएं.'
हिमंत बिस्व सरमा ने यह भी आरोप लगाया, 'वे (कांग्रेस नेता) मां कामाख्या, महापुरुष शंकरदेव में आस्था नहीं रखते और चराईदेव और रंग घर को भी नहीं मानते. वे सिर्फ धुबरी में रहने वाले एक वर्ग विशेष के धार्मिक अल्पसंख्यकों को ही पहचानते हैं. वे किसी अन्य लोगों की भावना को नहीं समझते.'
हिमंत बिस्व सरमा ने दावा किया कि अन्य क्षेत्रों के असमिया लोगों को कांग्रेस नेता से मिलने में कोई दिलचस्पी नहीं है. उन्होंने दावा किया, '...उन्हें (कांग्रेस नेताओं को) अन्य क्षेत्रों का दौरा करना चाहिए. हालांकि, मुझे लगता है कि अभी अन्य जगहों पर जाने का सही समय नहीं है. कौन प्रियंका गांधी को देखने आएगा? असम के लोगों को प्रियंका गांधी को देखने में कोई दिलचस्पी नहीं है.'
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Source: IOCL























