असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने शुक्रवार (20 जून, 2025) को आरोप लगाया कि 5,000 से अधिक फेसबुक अकाउंट कांग्रेस की असम इकाई का प्रचार और समर्थन करने के लिए सक्रिय हो गए हैं और इनमें से ज्यादातर अकाउंट इस्लामिक देशों से संचालित होते हैं.

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हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि पिछले महीने 5000 फेसबुक अकाउंट एकदम से एक्टिव हुए हैं, जिनमें ईरान, फिलिस्तीन और बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस से जुड़े पोस्ट किए गए. उन्होंने बताया कि इन अकाउंट्स की जांच की जा रही है और 2092 अकाउंट्स का ऑडिट हो चुका है. 

हिमंत बिस्व सरमा ने एक संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया कि ये अकाउंट 47 देशों में सक्रिय हैं और इनमें से सबसे अधिक संख्या में सक्रिय अकाउंट बांग्लादेश और पाकिस्तान में हैं. हिमंत बिस्व सरमा का कहना है कि ये अकाउंट हैंडल करने वाले एक ही समुदाय से हैं और उनके पोस्ट से लगता है कि ये इस्लामिक कट्टरपंथी हैं.

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हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि ऑडिट में पता चला कि इन 2092 फेसबुक अकाउंट्स में से 68 बांग्लादेशी हैं, 23 पाकिस्तानी, 2 फिलिस्तीनी, 6 ब्राजिल के, एक-एक कनाडा और कोलंबिया, 6 मिस्त्र, 54 फ्रांस, 4 जर्मनी, 16 इंडोनेशिया, 8 इराक, तीन इटली, 10 जॉर्डन, 88 कुवैत से, एक लीबिया से, 3 अफगानिस्तान, चार अल्बेनिया और दो फेसबुक अकाउंट ऑस्ट्रेलिया के हैं. 

हिमंत बिस्व सरमा ने दावा किया कि ये अकाउंट पिछले एक महीने से कांग्रेस की असम इकाई के एक विशेष नेता और पार्टी की राज्य इकाई के पेज की गतिविधियों पर खासतौर पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. हिमंत बिस्व सरमा ने कहा, 'यह आश्चर्यजनक है कि वे राहुल गांधी या यहां तक ​​कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के पोस्ट पर भी टिप्पणी या लाइक नहीं करते. वे केवल एक विशेष नेता और कांग्रेस की असम इकाई पर ध्यान केंद्रित करते हैं.'

असम के अलावा वे इस्लामी कट्टरपंथी सामग्री पोस्ट करते हैं जिसमें फलस्तीन, ईरान और बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस संबंधी पोस्ट शामिल हैं. हालांकि, मुख्यमंत्री ने किसी नेता का नाम नहीं लिया लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि वे कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई का जिक्र कर रहे थे जिन्हें पिछले महीने मई में असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था.

हमिंत बिस्व सरमा ने कहा, 'पार्टी नेतृत्व में बदलाव से उन्हें कोई सरोकार नहीं है, लेकिन यह घटनाक्रम पिछले महीने ही हुआ है.' उन्होंने कहा, '2026 के विधानसभा चुनावों से पहले असम की राजनीति में बहुत अधिक विदेशी हस्तक्षेप है और ऐसा पहली बार हो रहा है.' मुख्यमंत्री ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा बताते हुए कहा कि केंद्र सरकार को इससे अवगत करा दिया गया है.