नाम लिखना गुनाह तो अपनी दुकान पर मोहब्बत क्यों लिखा?- नेमप्लेट विवाद पर आचार्य प्रमोद का राहुल गांधी से सवाल
Acharya Pramod Krishnam on Street Vendors Name Plate: हिमाचल सरकार की एक बैठक में फास्ट फूड, रेहड़ी-पटरी और ढाबा मालिकों को अपनी दुकानों के बाहर नेमप्लेट लगाने का फैसला किया गया था.
Street Vendors Name Plate: हिमाचल प्रदेश में दुकानों के नेम प्लेट को लेकर मंत्री विक्रमादित्य सिंह के बयान के अब सियासी मायने निकाले जाने लगे हैं. पूर्व कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने इस मुद्दे पर ट्वीट किया है. उन्होंने एक्स पर लिखे पोस्ट में कहा, "अगर 'दुकानों' पे नाम लिखना 'गुनाह' है, तो फिर अपनी दुकान पे 'मुहब्बत' क्यों लिखा?"
आचार्य प्रमोद कृष्णम ने ये सवाल राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी से तब पूछा है जब हिमाचल प्रदेश सरकार ने मंत्री विक्रमादित्य सिंह के नेम प्लेट वाले बयान से किनारा कर लिया है.
'...वो कांग्रेस अलग थी'
न्यूज एजेंसी आईएएनएस से प्रमोद कृष्णम ने कहा, "कांग्रेस पार्टी ने देश की आजादी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, लेकिन वह कांग्रेस अलग थी. वह महात्मा गांधी, सुभाष चंद्र बोस, सरदार पटेल और पंडित जवाहरलाल नेहरू की कांग्रेस थी. लेकिन यह कांग्रेस सनातन विरोधियों और देश विरोधियों की है. पार्टी के ऊपर वामपंथियों ने कब्जा कर लिया है."
अगर “दुकानों”
— Acharya Pramod (@AcharyaPramodk) September 26, 2024
पे नाम लिखना “गुनाह”
है, तो फिर अपनी दुकान पे “मुहब्बत”
क्यूँ लिखा…? @RahulGandhi @INCIndia
क्या है पूरा मामला?
हिमाचल प्रदेश के शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में फास्ट फूड, रेहड़ी-पटरी और ढाबा मालिकों को अपनी दुकानों के बाहर नेमप्लेट लगाने और पहचान प्रदर्शित करने के निर्देश के महज एक दिन बाद सुक्खू सरकार ने यू-टर्न ले लिया था. सरकार ने गुरुवार, 26 सितंबर को कहा कि अब तक इस संबंध में कोई फैसला नहीं लिया गया है.
कांग्रेस के हिमाचल प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्ला ने कहा, "कल मैंने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से बात की थी. स्ट्रीट वेंडर्स पॉलिसी पर विचार करने के लिए संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान की अध्यक्षता में एक समिति बनाई गई है. इसमें कहा गया है कि जो भी व्यक्ति बेचने के लिए विभिन्न स्थानों पर अपना ठेला लगाता है, उसका लाइसेंस बनाया जाए. उसे नियंत्रित किया जाए, ताकि पुलिस उसे भगा न सके. जिसे जहां जगह दी गई है, वह वहीं बैठे. इसके लिए दस्तावेज के तौर पर आधार कार्ड की जरूरत होगी."
'यूपी की योगी सरकार के फैसले से नहीं कोई लेना-देना'
इस मुद्दे पर फैसला बरकरार रहेगा या फिर वापस लिया जाएगा, इस सवाल के जवाब में मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि इस विषय पर एक सर्वदलीय समिति बनाई गई है, जिसमें भाजपा के विधायक भी शामिल हैं. उन्होंने इस बात को दोहराया कि कोई भी हिमाचल में आकर रोजगार प्राप्त कर सकता है, लेकिन प्रदेश के लोगों के हितों का ख्याल रखना, हमारी सरकार का दायित्व है.
उन्होंने आगे बताया कि हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने एक्ट के आधार पर समिति बनाने का निर्देश दिया है. इस पर कैसे आगे बढ़ना है, इसके लिए ऑल पार्टी बॉडी बनाई गई है, जिसमें कांग्रेस, भाजपा, भाकपा और माकपा समेत सभी दलों के लोग हैं. इससे पहले विक्रमादित्य सिंह ने कहा था कि हिमाचल प्रदेश में शांति बनाना हमारी जिम्मेदारी है. यहां पर बाहरी लोगों का स्वागत है, लेकिन प्रदेश की आंतरिक सुरक्षा, कानून-व्यवस्था और स्वच्छता रखना हमारी जिम्मेदारी है. इसके लिए फूड वेंडर्स का आईडेंटिफिकेशन कराया जाएगा और उत्तर प्रदेश के योगी सरकार के फैसले से इसका कोई लेना-देना नहीं है.
(आईएएनएस इनपुट के साथ)
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