शिमला : हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में रविवार को जमीन धंसने की एक त्रासदीपूर्ण घटना में कम से कम 46 लोगों की मौत हो गई. इस घटना में सड़क का 150 मीटर से अधिक हिस्सा धंस गया, कई घर, दो बसें और कुछ अन्य वाहन मलबे में दफन हो गए. सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि दिनभर चले बचाव अभियान में 46 शव बरामद किए गए और पांच घायलों को बचाया गया.
प्रवक्ता ने कहा, "हम मानते हैं कि अधिकांश शव बरामद कर लिए गए हैं. रात को बचाव अभियान रोक दिया गया है, क्योंकि वहां जमीन धंसने की और भी घटना की आशंका है. लेकिन सुबह बचाव अभियान फिर से शुरू हो जाएगा." उन्होंने कहा कि 23 शवों की पहचान अभी नहीं हो पाई है. एक बाइक सवार का शव भी मलबे से निकाल लिया गया है.प्रशासन की ओर से हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है ये नंबर 01905-226201, 202,203 हैं. इसके अलावा परिवहन निगम की ओर से भी हेल्पलाइन नंबर जारी किया है जो 01905235538 और मोबाइल नंबर 9418001051 है.
बता दें कि घटना देर रात एक बजे की है. हाईवे पर उरला-जोगिंद्रनगर के पास कोटकरूपी में रात के अंधेरे में एक पहाड़ यात्रियों से भरी दो बसों सहित कई अन्य वाहनों पर गिर गया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन मौतों पर शोक संवेदना व्यक्त की है. मोदी ने एक ट्वीट में कहा, "हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में भूस्खलन से संबंधित घटनाओं के कारण हुई मौतों से पीड़ा हुई. मृतकों के परिजनों के प्रति मेरी शोक संवेदना."
राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने भी इस आपदा पर शोक जताया है. स्थानीय निवासियों ने प्रशासन को बताया कि पहाड़ी के गिरने के कुछ मिनट पहले उन लोगों ने घर खाली कर दिए थे और जंगल की ओर भाग गए थे. एक महिला ने बताया, "आपदा के ठीक पहले कुछ पत्थर लुढ़कने लगे. खतरा भांपकर हम जंगली इलाके की तरफ दौड़ने लगे और खुद को बचाने में सफल रहे." उसने बताया कि उसका घर मलबे में बह गया और मवेशी मर गए. क्षेत्र में भारी बारिश हुई है. स्थानीय अधिकारियों, भारतीय सेना और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल द्वारा जांच और बचाव अभियान जारी है. मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने अपने मंत्रिमंडल के सहयोगियों के साथ घटनास्थल का दौरा किया और प्रत्येक मृतक के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये अनुग्रह राशि देने की घोषणा की. विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार धूमल ने भी घटनास्थल का दौरा किया. मुख्यमंत्री ने इस घटना को अभूतपूर्व त्रासदी करार दिया और कहा कि अंतिम पीड़ित का शव मिलने तक बचाव अभियान जारी रहेगा. उन्होंने स्थानीय अधिकारियों को संपत्ति के नुकसान का जल्द से जल्द आकलन करने का निर्देश दिया, ताकि प्रभावित लोगों को पर्याप्त मुआवजा दिया जा सके. वीरभद्र ने मृतकों के परिजनों से भी मुलाकात की और अपनी हार्दिक शोक संवेदना व्यक्त की.मंडी-कुल्लू मार्ग वाहनों के लिए पूरी तरह से बंद
मंडी प्रशासन की ओर से मंडी से कुल्लू तक के लिए इस एनएच को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है. इसी बीच एक एक घंटे के लिए वाहन चलने की अनुमति दी जाएगी. इस मार्ग का सारा ट्रैफिक वाया कमाद-कोटला-कुल्लू कर दिया है. इसके अलावा इस मार्ग का सारा ट्रैफिक तीन रूटो जोगिंद्रनगर-घटासनी-झटींगरी-मंडी, जोगिंद्रनगर-धर्मपुर-कोटली- मंडी और जोगिंद्रनगर, नौली-पद्दर-मंडी कर दिया है.