एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत में शांता कुमार ने कहा है, ‘’मौका उसको देना चाहिए जो उस समय की परिस्थितियों के मुताबिक सबसे उपयुक्त लगे. जरुरी नहीं है कि जो पहले मुख्यमंत्री रहे हो उन्हें ही मौका मिले. नए लोगों को भी मौका मिलना चाहिए.’’ शांता कुमार ने आगे कहा, ‘’बीजेपी को बहुमत मिला है लेकिन धूमल नहीं जीत सके. ऐसे में पार्टी विचार कर रही है.’’
हालांकि शांता कुमार ने कहा, ‘’हिमाचल प्रदेश में ऐसे बहुत से नेता है जो आज इस जिम्मेदारी को निभा सकते हैं. अब किसको सामने लाना है ये फैसला हाईकमान को करना है.’’ वहीं, सूत्रों के हवाले से वाले खबर है कि इस बात पर भी विचार हो रहा है कि धूमल को मुख्यमंत्री बनाया जाए और छह महीने के अंदर वो चुनाव लड़कर विधानसभा पहुंच जाएं.
बता दें कि बीजेपी के सीएम उम्मीदवार प्रेम कुमार धूमल अपनी पारंपरिक सीट हमीरपुर की जगह सुजानपुर से चुनाव मैदान में थे. धूमल के खिलाफ कांग्रेस के टिकट से उन्हीं के पुराने करीबी राजेंद्र सिंह राणा मैदान में थे. लेकिन राजेंद्र सिंह राणा ने धूमल को चुनावी मैदान में पटखनी दे दी.
हिमाचल में बीजेपी ने दर्ज की शानदार जीत
राज्य में बीजेपी की बंपर जीत हुई है. हिमाचल प्रदेश विधानसभा की 68 सीटों में से बीजेपी को 44 सीटें मिली हैं. जबकि कांग्रेस 21 पर सिमट गई. तीन सीटें अऩ्य के खाते में गई हैं. हिमाचल में बीजेपी को करीब 48.6 फीसदी वोट मिले हैं, जबकि कांग्रेस को 41.9 फीसदी.
हिमाचल में लोगों का बीजेपी पर भरोसा और जनाधार दोनों बढ़ा है.लिहाजा पार्टी के लिए चुनौती एक जननेता की तलाश की है. जिसमें कुशल नेतृत्व और धूमल की कमी की भरपाई करने की क्षमता हो.