नई दिल्ली: दिल्ली में निजी वाहन चालकों के लिए इस वक्त हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट (एचएसआरपी) और कलर-कोडेड स्टीकर सिरदर्द बन गए हैं. इस जटिल प्रक्रिया के चलते लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था. लोगों की इन्हीं दिक्कतों को ध्यान में रखते हुए हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट बनवाने की प्रक्रिया को आसान बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं. आवेदन के लिए अभी तक 12 स्टेप पर जाना पड़ता था लेकिन नई प्रक्रिया के तहत अब सिर्फ 6 स्टेप में ही आवेदन हो जाएगा.


इसके साथ ही गाड़ी के चेसिस और इंजन नंबर के अब केवल आखिर के पांच नंबर ही डालने होंगे. अभी हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट (एचएसआरपी) करते समय पूरा नंबर डालना पड़ता था. इसके साथ ही आवेदन करते समय अगर कोई गलती हो जाती थी पेज सस्पेंड होकर एरर दिखाता था. नई प्रक्रिया के तहत ऐसी स्थिति में सिस्टम कार का रजिस्ट्रेशन नंबर और आरसी मांगेगा. उसकी फोटो अपलोड कर देने के बाद आवेदन स्वीकार कर लिया जाएगा.


होम डिलीवरी के लिए बढ़ेंगे राइडर फिटर
हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट (एचएसआरपी) लगाने वाली कंपनी के पास होम डिलीवरी के लिए फिलहाल सिर्फ 450 राइडर फिटर हैं. जनवरी के पहले सप्ताह में इनकी संख्या बढ़ाकर 600 की जाएगी. जानकारी के मुताबिक कंपनी को 14 नवंबर से अभी तक एचएसआरपी के लिए तीन लाख से ज्यादा और कलर-कोडेड स्टीकर के लिए करीब दो लाख आवेदन मिल चुके हैं.


Explainer: HSRP और कलर कोडेड स्टीकर को लेकर आपने मन उठ रहे हर सवाल का जवाब


क्या है HSRP हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट यानी ?
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक पर परिवहन विभाग ने वाहनों पर HSRP हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट यानी और रंगीन स्टीकर लगाना अनिवार्य किया है. हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट (HSRP) एक होलोग्राम स्टीकर होता है, जिस पर वाहन के इंजन और चेसिस नंबर होते हैं. इस नंबर को प्रेशर मशीन से लिखा जाता है.


1 अप्रैल 2012 के बाद जो भी नई गाड़ी आ रही है उनमें पहले से HSRP लगी हुई है. लेकिन अगर आपकी गाड़ी इससे पहले की है या फिर जो प्लेट लगी थी उसे निकाल कर कोई फैशनेबल प्लेट लगवाई है तो फिर आपको भी HSRP लगवानी पड़ेगी. यह दो पहिया और चार पहिया दोनों वाहनों के लिए जरूरी है. हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट में किसी भी तरह की छेड़छाड़ संभव नहीं है.


क्या है कलर कोडेडे स्टीकर?
गाड़ी पर आगे और पीछे नंबर प्लेड के अलावा विंड स्क्रीन पर एक रंगीन स्टीकर लगेगा. इस स्टीकर पर किस दिन गाड़ी ली, गाड़ी किस तरह के ईंधन पर चलती है यह सब जानकारियां होंगी. इसके साथ ही इस पर भी एक होलोग्राम होगा. कलर स्टीकर सिर्फ चार पहिया वाहनों के लिए ही जरूरी है.


फिलहाल तीन तरह के कलर कोडेड फ्यूल स्टिकर हैं. इनमें नीला, नारंगी और स्लेटी रंग है. नीले रंग का मतलब पेट्रोल या सीएनजी से है. अगर नीले रंग के साथ हरे रंग की पट्टी है तो बीएस-6 है. हरे रंग की पट्टी नहीं है तो बीएस-4 या बीएस-3 है. वहीं नारंगी का मतलब डीजल कार से है. अगर नारंगी रंग के साथ हरे रंग की पट्टी है तो यह बीएस-6 है. हरे रंग की पट्टी नहीं है तो बीएस-4 या बीएस-3 है. आखिर में स्लेटी या ग्रे रंग आता है. इसका मतलब है कार इलेक्ट्रिक कार है.


कहां से लगवाएं HSRP और कलर कोडेड स्टीकर?
गाड़ी पर HSRP लगवाने के लिए आपको bookmyhsrp.com पर जाकर रजिस्ट्रेशन करना होगा. इसके लिए आपको कुछ जानकारिया देनी होंगी जैसे वाहन निजी है या फिर सार्वजनिक, पेट्रोल, डीजल, इलेक्ट्रिक, CNG और CNG+पेट्रोल, वाहन इनमें से किस तरह के ईंधन पर चलता. इसके बाद आपको वाहन के प्रकार जैसे बाइक, कार, स्कूटर, ऑटो और भारी वाहन बताना होगा. इसके बाद भी आपके कुछ जानकारियां मांगी जाएंगी. जिन्हें भरकर आप HSRP के लिए एप्लाई कर सकते हैं. इसके बाद आपको अपना नजदीकी डीलर चुनना होगा. इसके तय तारीख और समय पर डीलर के पास जाकर प्लेट लगवा सकते हैं.


इसी तरह कलर स्टीकर लगवाने के लिए भी www.bookmyhsrp.com पर विजिट करना होगा. इसी पर कलर कोडेड स्टीकर के लिए अलग से लिंक उपब्लध है. आपकी गाड़ी पर लगी HSRP प्लेट के पर एक कोड लिखा होगा. आपको वो कोड भरना होगा. सामने वाली और पीछे वाली नंबर प्लेट पर के लिए अलग अलग कोड हैं. ऑनलाइन बुकिंग करने में आपको रजिस्ट्रेशन नंबर और चेचिस नंबर देना होगा.


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