नयी दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने गुरुवार को ऑक्सीजन कन्संट्रेटर के कथित कालाबाजारी के मामले में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर करने वाले नवनीत कालरा से पूछा कि क्या वह औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम के तहत इस तरह के सैकड़ों उपकरण बिना लाइसेंस के रख सकता है और बेच सकता है.


जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने देर रात कालरा की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान यह सवाल किया, जब उन्हें निचली अदालत ने दिन में राहत देने से इनकार कर दिया.


हाई कोर्ट की सख्त टिप्पणी


हाई कोर्ट ने कहा कि चूंकि ऑक्सीजन कन्संट्रेटर जैसे चिकित्सा उपकरण भी इस अधिनियम के अनुसार दवाएं हैं, इसलिए दवाओं के निर्माण, भंडारण या बिक्री के लिए एक वैध लाइसेंस की आवश्यकता होती है और इसका उल्लंघन करने पर 10 साल की जेल की सजा होती है. कालरा की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक एम. सिंघवी पेश हुए.


रेस्टोरेंट से मिले थे ऑक्सीजन कन्संट्रेटर


आपको बता दें कि, दिल्ली पुलिस ने लोधी कालोनी के रेस्टोरेंट-बार से 419 ऑक्सीजन कन्संट्रेटर मिलने के मामले में शुक्रवार को खान मार्केट के खान चाचा रेस्टोरेंट और टाउन हॉल रेस्टोरेंट में छापेमारी की थी. इस दौरान पुलिस ने करीब 105 कन्संट्रेटर बरामद किए थे. पुलिस ने एक आरोपी की निशानदेही पर खान चाचा रेस्टोरेंट से 96 ऑक्सीजन कन्संट्रेटर और टाउन हॉल से 9 कन्संट्रेटर मशीन बरामद की थी. इस कार्रवाई में 500 से ज्यादा मशीने पुलिस के मिली थी. सभी रेस्टोरेंट का मालिक नवनीत कालरा था.


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