HC ने मांगा जवाब, चुनावी सामग्री में क्यों हो रहा प्लॉस्टिक का इस्तेमाल
एजेंसी | 14 Nov 2018 08:17 AM (IST)
याचिका में कहा गया है कि प्रदेश में प्लास्टिक के बैग का उत्पादन, भंडारण व उपयोग प्रतिबंधित है. सरकार के इस निर्णय को हाईकोर्ट ने भी उचित ठहराया था. जब प्लास्टिक के कैरी-बैग का उपयोग प्रतिबंधित है तो प्लास्टिक का उपयोग चुनाव प्रचार सामग्री में क्यों किया जा रहा है.
जबलपुर: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनावों के दौरान प्लास्टिक की चुनावी सामग्री के इस्तेमाल के खिलाफ हाईकोर्ट में दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने नोटिस जारी कर दो हफ्ते के अंदर जवाब मांगा है. याचिका की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट के जस्टिस पी के जायसवाल व जस्टिस बी के श्रीवास्तव की खंडपीठ ने प्रतिवादियों को नोटिस जारी करते हुए याचिका पर अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद निर्धारित की. जबलपुर निवासी संजीव कुमार पांडे की और से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि अपशिष्ट पदार्थ अधिनियम की श्रेणी में प्लास्टिक से बनने वाले फ्लेक्स, होर्डिंग व झंडे भी आते हैं. केन्द्रीय प्लास्टिक पदार्थ प्रतिबंधित सूची में भी यह शामिल हैं. इसके बावजूद भी विधासभा चुनाव में प्रचार प्रसार के लिए इनका उपयोग किया जा रहा है. एक अनुमान के अनुसार विधानसभा चुनाव के दौरान प्रतिदिन प्रचार प्रसार के लिए दस टन प्लास्टिक से बने फ्लेक्स, होर्डिंग व झंडे का उपयोग होगा. इतनी भारी मात्रा में प्लास्टिक सामग्री का उत्पादन पर्यावरण की लिए घातक है. याचिका में कहा गया है कि प्रदेश में प्लास्टिक के बैग का उत्पादन, भंडारण व उपयोग प्रतिबंधित है. सरकार के इस निर्णय को हाईकोर्ट ने भी उचित ठहराया था. जब प्लास्टिक के कैरी-बैग का उपयोग प्रतिबंधित है तो प्लास्टिक का उपयोग चुनाव प्रचार सामग्री में क्यों किया जा रहा है. याचिका में प्रदेश सरकार व राज्य चुनाव निर्वाचन आयोग को प्रतिवादी बनाया गया था. याचिका की सुनवाई के बाद खंडपीठ ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ वकील नमन नागरथ उपस्थित हुए. मध्य प्रदेश: सालाना आय के मामले में अपनी पत्नियों से पीछे हैं राजनीति के ये दिग्गज