Jharkhand Land Scam Case: कथित भूमि घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने बुधवार (22 मई, 2024) को मामले में लोकसभा चुनाव को लेकर सोरेन को अंतरिम जमानत देने से मना कर दिया है. 


सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ''निचली अदालत मामले पर संज्ञान ले चुकी है. नियमित बेल याचिका भी खारिज हो चुकी है तो ऐसे में गिरफ्तारी की चुनौती पर सुनवाई का आधार नहीं बनता.'' मामले में मंगलवार (21 मई, 2024) को भी कोर्ट में बहस हुई थी. हेमंत सोरेन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने तो ईडी की तरफ से असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने मंगलवार और बुधवार को दलील दी.


किसने क्या दलील दी? 
कपिल सिब्बल ने कोर्ट में सुनवाई के दौरान कहा कि यह 8.86 एकड़ जमीन का मामला है और इससे हेमंत सोरेन का कोई लेना-देना नहीं है. सभी रिकॉर्ड सही है तो ऐसे में कोई विवाद नहीं बनता है. वहीं एसवी राजू ने कहा कि ऐसा कहना गलत है कि इसमें विवाद नहीं बनता. 


सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने यह तथ्य छिपाने के लिए हेमंत सोरेन से नाखुशी जताई कि उन्होंने निचली अदालत में जमानत याचिका दायर की थी. कोर्ट ने कहा कि 4 अप्रैल को ट्रायल कोर्ट ने ईडी की चार्जशीट पर संज्ञान ले लिया था. नियमित ज़मानत याचिका भी लंबित थी और इन बातों को याचिका में छुपाया गया. 


इसके जवाब में कपिल सिब्बल ने कहा कि यह उनकी गलती है, जो कि जानकारी के अभाव में हुई. उसकी सजा सोरेन को न मिले, लेकिन जजों ने कहा कि बेहतर है कि वह दूसरे कानूनी विकल्प देखें. इस याचिका पर सुनवाई नहीं हो सकती.


ये भी पढ़ें- 'बहुत अनौपचारिक है', सुप्रीम कोर्ट ने नए आपराधिक कानूनों के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई से किया इनकार किया