Ayodhya: अयोध्या (Ayodhya) के बाबरी विध्वंस मामले (Babri Demolition Case) में हिन्दू पक्ष के बड़े नेताओं को सीबीआई कोर्ट (CBI Court) से बरी करने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) की लखनऊ बेंच में सुनवाई हुई. कोर्ट ने इस मामले में अगली सुनवाई की तारीख़ 1 अगस्त तय की है. इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने याचिका को आपराधिक याचिका में बदलने का आदेश देते हुए सुनवाई की अगली तारीख पहली अगस्त रखी है.


हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह (Dinesh Kumar Singh) ने आदेश में कहा कि बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी (Lal Krishna Advani), यूपी के तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह (Kalyan Singh), बीजेपी नेता मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, विनय कटियार, साध्वी ऋतंभरा सहित सभी 32 आरोपियों को बरी करने के खिलाफ दायर पुनरीक्षण याचिका सुनवाई योग्य नहीं थी, इसलिए उन्होंने अपने कार्यालय को संशोधन कर याचिका को आपराधिक अपील के रूप में बदलने का निर्देश दिया. अब इस मामले की अगली सुनवाई 1 अगस्त को होगी. 


पिछले साल दायर हुई थी याचिका


बरी मामले को लेकर यह याचिका पिछले साल जनवरी महीने में अयोध्या के हाजी महबूब और सैय्यद अखलाक की तरफ से दायर की गई है. लखनऊ की विशेष सीबीआई कोर्ट ने साल 2020 में बाबरी विध्वंस केस के सभी 32 आरोपियों को बरी करने का फैसला दिया था. बरी होने के 100 दिन बाद सीबीआई कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाजी महबूब और अख़लाक़ अहमद ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ में पुनर्विचार याचिका दायर की थी.


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