नई दिल्लीः राम मंदिर पर उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की तरफ से दिए गए बयान पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने पलटवार किया है. ओवैसी ने कहा है कि राम मंदिर का मामला अगर सुप्रीम कोर्ट में है तो किसी राज्य के डिप्टी सीएम गैर जिम्मेदाराना बयना कैसे दे सकते हैं.
ओवैसी ने क्या कहा है?
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है, ‘’एक जिम्मेदार डिप्टी सीएम तब आपत्तिजनक बयान देता है, जब अयोध्या का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. उनके पास ऐसे बयान देने का कोई अधिकार नहीं है.’’ बता दें कि एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत में केशव प्रसाद मौर्य ने कहा था कि अगर सुप्रीम कोर्ट से बात नहीं बनी तो संसद से कानून बनाकर राम मंदिर बनेगा.
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि अगर कोर्ट से इस बारे में फैसला नहीं आ पाता है तो केंद्र सरकार संसद में बिल लाकर राम मंदिर के निर्माण का रास्ता साफ करने के लिए कोशिश कर सकती है.
केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि जब जरूरत होगी और हमारे पास संसद में बिल लाने के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचेगा तब हम राम मंदिर पर बिल लाने के बारे में सोचेंगे और इसके साथ संसद के दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) में इस बिल को पास कराने के लिए बहुमत होना चाहिए. हालांकि इसके लिए संसद के दोनों सदनों में केंद्र सरकार के पास पर्याप्त बहुमत होना जरुरी है. अभी सब जानते हैं कि राज्यसभा में केंद्र सरकार के पास बहुमत की पर्याप्त संख्या नहीं है.
कल भी केशव प्रसाद मौर्य ने राम मंदिर के मुद्दे पर अपना रुख साफ करते हुए कहा था कि अगर कोई रास्ता नहीं बचता है तो विधायी रास्ता अपनाकर संसद में कानून बनाकर अयोध्या में राम मंदिर बनाने की कोशिश कर सकती है. मौर्य ने कहा कि अगर भव्य राम मंदिर का निर्माण किया जाता है तो ये वीएचपी के दिवंगत नेता अशोक सिंघल, महंत श्री रामचंद्र दास परमहंस और कारसेवकों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी जिन्होंने अपने जीवन को कुर्बान किया है.
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