नई दिल्ली: आईएनएक्स मीडिया केस में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को हाई कोर्ट से राहत नहीं मिली है. कोर्ट ने सीबीआई को नोटिस जारी कर 23 सितंबर तक जवाब देने को कहा है. कोर्ट में सुनवाई के दौरान चिदंबरम की ओर से कपिल सिब्बल, अभिषेक मनु सिंघवी, सलमान खुर्शीद, हरिहरन, दयान कृष्णन समेत कई दिग्गज वकील मौजूद रहे. चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम भी कोर्ट रूम में मौजूद थे.
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने चिदंबरम के वकील कपिल सिब्बल से कहा कि 14 दिन की न्यायिक हिरासत में हैं तो आप निचली अदालत में जाकर याचिका लगाईए, हम सीबीआई से उसका जवाब मांगेंगे. इस पर सिब्बल ने कहा कि आप जवाब मांग लीजिये पर तब तक राहत दे दीजिए. कोर्ट ने सिब्बल से फिर सवाल करते हुए कहा कि अगर आप उसी दिन हाई कोर्ट को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं तो उसके अगले दिन क्यों नहीं चुनौती दे दी. जिससे कि सीबीआई को जवाब देने के लिए मौका मिलता. सिब्बल ने कहा कि बीच में छुट्टी थी इसलिए वक्त लगा.
सिब्बल ने कोर्ट से आग्रह किया कि परिवार से मिलने की इजाज़त दे दी जाए जेल में और घर का खाना मिल जाये. इस पर सीबीआई ने कहा कि हम भेदभाव नहीं कर सकते और सेहत भी ठीक है. कोर्ट ने कहा कि जेल में बंद चौटाला की उम्र 80 साल है.
बता दें कि पी चिदंबरम ने निचली अदालत के उस आदेश को चुनौती दी है जिसके तहत उन को न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेजा गया है. पी चिदंबरम ने अपनी अर्जी में कहा है कि उनकी न्यायिक हिरासत गैरकानूनी है. अर्जी में कहा गया है इस मामले में पी चिदंबरम से पूछताछ पूरी हो चुकी है, लिहाजा उन्हें जेल में रखने का कोई औचित्य नहीं है. आईएनएक्स मीडिया केस में चिदंबरम 19 सितंबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में हैं.
क्या है मामला? आईएनएक्स मीडिया प्रकरण में सीबीआई ने 15 मई 2017 को दर्ज एक एफआईआर में आरोप लगाया था कि 2007 में वित्त मंत्री चिदंबरम के कार्यकाल में आईएनएक्स मीडिया समूह को विदेश से 305 करोड़ का निवेश प्राप्त करने के लिये एफआईपीबी की मंजूरी देने में अनियमिततायें की गयीं. जांच ब्यूरो की एफआईआर के बाद ईडी ने भी 2017 में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था.
दिल्ली हाई कोर्ट ने सीबीआई और ईडी के मामलों में चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी. चिदंबरम ने दोनों ही आदेशों को शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी. लेकिन चूंकि इसके बाद चिदंबरम की गिरफ्तारी हो गयी थी, इसलिए न्यायालय ने सीबीआई के मामले में दायर अपील को निरर्थक करार देते हुये उसका निस्तारण कर दिया था.