नई दिल्ली: गुरुवार को होने वाले राज्यसभा के उप सभापति पद के चुनाव को लेकर कुछ राजनीतिक दल नई मांग लेकर सामने आए हैं. बीएसपी, टीएमसी और टीडपी ने सदन के सभापति से कल होने वाले चुनाव को टालने की मांग की है. ये मांग दक्षिण के दिग्गज नेता और डीएमके के मुखिया रहे एम करुणानिधि के मंगालवार को हुए निधन का हवाला देते हुए रखी गई है. इन विपक्षी पार्टियों का कहना है कि संभव है डीएमके के सांसद इस कारण चुनाव में हिस्सा ना ले पाए. इसलिए उप सभापति चुनाव को टाल दिया जाए.

आपको बता दें कि मंगलवार देर शाम द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) नेता एम करुणानिधि का चेन्नई में निधन हो गया. लंबे वक्त से उनका स्वास्थ खराब चल रहा था और बीते कल शाम 6 बजकर 10 मिनट पर उन्होंने अंतिम सांस ली.

एनडीए उम्मीदवार हरिवंश नारायण ने भरा नामांकन राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन यानी एनडीए की ओर से राज्यसभा उप सभापति पद के उम्मीदवार हरिवंश नारायण सिंह ने अपना नामांकन भर दिया है. हरिवंश नारायण जनता दल यूनाइटेड के सांसद और वरिष्ठ पत्रकार हैं. हरिवंश नारायण सिंह का जन्म 30 जून 1956 को बलिया जिले के सिताबदियारा गांव में हुआ था. वह जेपी आंदोलन से खासे प्रभावित रहे हैं. हरिवंश ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में एमए और पत्रकारिता में डिप्लोमा की पढ़ाई की और अपने करियर की शुरुआत टाइम्स मीडिया समूह से की. बतौर पत्रकार हरिवंश ने बिहार से जुड़े गंभीर विषयों को प्रमुखता से उठाया. इसी दौरान वह नीतीश कुमार के करीब आए और इसके बाद उन्हें जेडीयू का महासचिव बना दिया गया. साल 2014 में जेडीयू ने हरिवंश को राज्यसभा के लिए नामांकित किया और इस तरह से हरिवंश पहली बार संसद तक पहुंचे.

विपक्ष ने बनाया बीके हरिप्रसाद को उम्मीदवार कांग्रेस नेता बीके हरिप्रसाद को विपक्ष ने साझा उम्मीदवार बनाया है. विपक्ष ने उम्मीदवार चुनने का अधिकार कांग्रेस को दिया था और अब इस नाम पर मुहर लग गई है. पहले खबर थी कि विपक्ष एनसीपी की सांसद वंदना चव्हाण को उम्मीदवार बना सकता है लेकिन एनसीपी ने इससे इंकार कर दिया. जिसके बाद बीके हरिप्रसाद को मैदान में उतारा गया.

एनडीए के साथ जा सकती है BJD सूत्रों के मुताबिक इस चुनाव में सबसे अहम कड़ी नवीन पटनायक की बीजेडी ने एनडीए उम्मीदवार के समर्थन देने की खबर है. बीजेडी के पास राज्यसभा में नौ सांसद हैं. बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने उड़ीसा के सीएम नवीन पटनायक से हरिवंश का समर्थन करने की अपील की थी. वहीं, खबर है कि शिवसेना ने एनडीए के उम्मीदवार हरिवंश को समर्थन देने का मन बना लिया है. इस चुनाव में एनडीए और यूपीए के पास नंबर जुटा पाना एक बड़ी चुनौती है क्योंकि दोनों ही पक्षों के पास जीत के लिए जरुरी आंकड़े नहीं है. ऐसे में राज्यसभा में 9 सीटों वाला बीजू जनता दल जीत हार के खेल में किंगमेकर की भूमिका निभा सकता है.

क्या है बहुमत का जादुई आंकड़ा? राज्यसभा में वर्तमान में 244 सांसद ही वोट करने की स्थिति में हैं. ऐसे में किसी भी दल को जीतने के लिए 123 सीटें मिलनी जरूरी हो जाती हैं. वर्तमान में राज्यसभा में एनडीए के पास 115 सीटें हैं, जिनमें सबसे ज्यादा बीजेपी के पास 73 सीटें हैं. वहीं यूपीए के पास 113 सीटें हैं. जिनमें कांग्रेस के पास सबसे ज्यादा 50 सीटें हैं. वहीं अन्य दलों के पास राज्यसभा में 16 सीटें हासिल हैं. इनमें सबसे ज्यादा नौ सीटें बीजेडी के पास हैं.