Haridwar Dharm Sansad: हरिद्वार में हाल ही में आयोजित की गई ‘धर्म संसद’ में कई वक्ताओं ने नफरती भाषण दिए. इन भड़काऊ भाषणों को लेकर सोशल मीडिया पर खूब आलोचना हुई, जिसके बाद हरिद्वार पुलिस ने केस दर्ज किया. लेकिन कई दिन बाद भी किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई थी, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट में इसी दलील को रखते हुए कपिल सिब्बल ने याचिका दायर की, जिस पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई को भी तैयार हो गया. जिसके बाद अब जाकर इस मामले में पहली गिरफ्तारी हुई है. 


रुड़की बॉर्डर से गिरफ्तार हुए जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ रिज्वी
गुरुवार 13 जनवरी को हरिद्वार पुलिस ने वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी को गिरफ्तार किया है. इस मामले में यह पहली गिरफ्तारी है. हरिद्वार के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक योगेंद्र रावत ने गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए कहा कि रिजवी को रूड़की के नारसन बॉर्डर से गिरफ्तार किया गया.


कुछ महीने पहले ही हिन्दू धर्म के साथ जितेंद्र नारायण त्यागी का नाम अपनाने वाले लखनऊ निवासी 52 वर्षीय रिजवी सहित कुल 10 लोगों के खिलाफ इस मामले में नामजद एफआईआर दर्ज की गई है. रिजवी पहले उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के प्रमुख रह चुके हैं.


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सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई से ठीक पहले गिरफ्तारी
हरिद्वार में 17 से 19 दिसंबर तक आयोजित ‘धर्म संसद’ में हुए कथित घृणा भाषणों के संबंध में यह पहली गिरफ्तारी है. यह पूछे जाने पर कि क्या इस मामले में और भी गिरफ्तारियां होंगी, पुलिस अधिकारी ने कहा कि यह आगे की विवेचना पर निर्भर करेगा. हालांकि पुलिस की इस कार्रवाई को सुप्रीम कोर्ट में होने वाली अगली सुनवाई से जोड़कर देखा जा रहा है. क्योंकि इस मामले को सुप्रीम कोर्ट सुनेगा और पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड पुलिस और गृह मंत्रालय से ये जवाब मांगा था कि अब तक आरोपियों को गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया. अब अगली सुनवाई से ठीक पहले एक आरोपी की गिरफ्तारी की गई है. 


नरसिंहानंद और साध्वी अन्नपूर्णा को नोटिस


बताया गया है कि दो अन्य आरोपियों यति नरसिंहानंद और साध्वी अन्नपूर्णा को पेश होने के लिए नोटिस जारी किए गए हैं. ये तीनों उन अन्य लोगों में शामिल हैं, जिनके खिलाफ मामले में एफआईआर दर्ज की गई है. उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया कि रिजवी को जहां गिरफ्तार किया गया है, वहीं यति नरसिंहानंद और साध्वी अन्नपूर्णा को दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 41 के तहत पेश होने के लिए नोटिस भेजे गए हैं.


यति नरसिंहानंद उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद स्थित डासना मंदिर के पुजारी हैं जोकि अपने बयानों को लेकर पहले भी विवादों में रहे हैं. यति नरसिंहानंद ने हरिद्वार में धर्म संसद का आयोजन किया था जबकि साध्वी अन्नपूर्णा ने आयोजन में वक्ता के रूप में भाग लिया था, जहां मुसलमानों के खिलाफ कथित तौर पर भडकाऊ भाषण दिए गए.


गौरतलब है कि धर्म संसद में दिए गए कथित ‘भड़काऊ भाषणों’ के मामले में कार्रवाई करने के लिए राज्य सरकार पर चौतरफा दबाव पड़ रहा था. साथ ही धामी सरकार की इस मामले को लेकर जमकर आलोचना भी हो रही थी. विपक्ष इस मुद्दे पर बीजेपी शासित राज्य सरकार के अलावा प्रधानमंत्री मोदी पर भी हमलावर है. 


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