Hardeep Singh Puri: केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने भारत के ऊर्जा परिवर्तन और क्लाइमेट कमिटमेंट को लेकर बीबीसी हार्डटॉक के स्टीफन सैकूर के साथ बातचीत की. इस डिस्कशन में हरदीप पुरी ने जोर देकर कहा, वैश्विक आर्थिक महाशक्ति के रूप में उभरने के लिए भारत की महत्वपूर्ण महत्वाकांक्षाएं हैं. इस दौरान उन्होंने भारत के रूस से तेल खरीद को लेकर भी जवाब दिया.
केंद्रीय मंत्री से रूस से सस्ते तेल पर भारत की निर्भरता को लेकर सवाल पूछा गया था, इस पर उन्होंने कहा, "ये दावे गलत हैं. हम तेल आपूर्ति के अपने सोर्स में विविधता लेकर आए हैं. कोई भी देश बाहरी तेल आपूर्ति व्यवधानों के प्रति संवेदनशील नहीं है, खासकर बाजार में पर्याप्त तेल को लेकर."
इस इंटरव्यू में भारत द्वारा कथित तौर पर अमेरिका की प्राथमिकताओं के विरुद्ध रूस से किफायती तेल की खरीद पर भी चर्चा हुई. पुरी ने किसी भी विरोध से इनकार करते हुए कहा, "हमें उचित मूल्य पर जितना आवश्यक हो उतना तेल खरीद सकते हैं." उन्होंने ये भी स्पष्ट किया कि उस समय रूसी तेल पर कोई प्रतिबंध नहीं था. पुरी ने आगे बताया कि यूरोप वर्तमान में अपना 20 से 25 प्रतिशत तेल रूस से प्राप्त करता है.
इसके बाद स्टीफन सैकुर ने कहा कि व्हाइट हाउस छोड़ने से पहले जो बाइडेन ने रूस पर नए प्रतिबंध लगाए थे, जिसमें रूस से भारत तक तेल परिवहन करने वाले शैडो टैंकर बेड़े पर प्रतिबंध भी शामिल था. इस कार्रवाई से कई जहाज प्रभावित हुए जिन पर भारत तेल आपूर्ति के लिए निर्भर था.
हरदीप पुरी ने रूस से तेल आयात पर दिया ये जवाब
केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री ने स्टीफन की सूचना को सही करते हुए कहा कि बेड़े हमें चिंतित नहीं करते हैं. यदि आपकी धारणाएं गलत हैं, तो आपका तर्क त्रुटिपूर्ण है. उन्होंने जोर देकर कहा कि हम बेड़े पर भरोसा नहीं करते हैं, हम आयात के बिंदु पर टेंडर जारी करते हैं. हम किसी भी आपूर्तिकर्ता से खरीदते हैं जो हमारी जरूरतों को पूरा कर सकता है.
हरदीप पुरी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बातचीत का वीडियो शेयर कर लिखा, "मैं पहली बार साल 2002 में बीबीसी हार्डटॉक पर यूके में भारत के उप उच्चायुक्त के रूप में टिम सेबेस्टियन के साथ सीमा पार आतंकवाद पर एक स्पष्ट चर्चा के लिए उपस्थित हुआ था, जिसे उस समय एक गहन शोध कार्यक्रम माना जाता था."
उन्होंने आगे लिखा, "दो दशक के बाद मैंने वर्तमान होस्ट स्टीफन सैकुर के साथ एक दिलचस्प बातचीत की, जिसमें पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत की विस्मयकारी यात्रा, हमारे ऊर्जा क्षेत्र का विकास, जलवायु को लेकर लक्ष्य, हरित ऊर्जा और भारत के जीवंत लोकतंत्र, हमारे लोकतांत्रिक संस्थानों की ताकत और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता समेत कई मुद्दों पर चर्चा हुई."