External Affairs Ministry Clarified On Hamas: हमास को भारत में आतंकवादी संगठन घोषित करने से संबंधित दस्तावेज के सोशल मीडिया पर वायरल होने से व‍िवाद खड़ा हो गया है. कहा गया कि संसद में एक अतारांकित प्रश्न के जवाब में केंद्रीय व‍िदेश राज्‍य मंत्री म‍ीनाक्षी लेखी ने इस दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए थे. हालांकि, सांसद ने किसी भी कागज पर हस्ताक्षर नहीं करने की बात कही, जिसके बाद मामला और पेचीदा हो गया. अब इस मामले पर खुद व‍िदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता की ओर से स्‍पष्‍टीकरण द‍िया गया है. 


दरअसल, केरल से कन्नूर लोकसभा सीट के सांसद सुधाकरन ने संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान पूछा था कि क्या सरकार के पास हमास को भारत में आतंकवादी संगठन घोषित करने का कोई प्रस्ताव है? यदि हां, तो उसका विवरण दिया जाए. अगर ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है, तो इसके क्या कारण हैं? उन्होंने यह भी पूछा था कि क्या इजराइल सरकार ने हमास को आतंकवादी संगठन घोषित करने के लिए भारत सरकार से बात की है? सुधाकरन ने सरकार से विवरण मुहैया कराने की मांग भी की थी. 


इस सवाल के जवाब से जुड़े दस्‍तावेज के वायरल होने पर अब विदेश मंत्रालय ने शनिवार को स्पष्ट किया कि राज्य मंत्री वी मुरलीधरन को एक संसदीय प्रश्न का आध‍िकार‍िक उत्तर देने ल‍िए  सूचीबद्ध किया गया था. इस मामले पर अब राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा क‍ि उन्होंने प्रश्न का उत्तर नहीं दिया है जैसा कि आधिकारिक वेबसाइटों पर पोस्ट किए दस्तावेजों में नजर आया है. 


'मीनाक्षी लेखी का दावा-किसी भी कागज पर नहीं किए हस्ताक्षर' 


दस्तावेजों के सामने आने के बाद पता चला क‍ि लेखी ने इस सवाल का जवाब दिया था लेक‍िन 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि उन्होंने "इस प्रश्न और इसके उत्तर के साथ किसी भी कागज पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं."


कई घंटे के बाद व‍िदेश मंत्रालय प्रवक्‍ता का आया बयान 


इस सब प्रकरण के बाद विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कई घंटों के बाद स्पष्ट किया कि दस्तावेजों में "तकनीकी सुधार" की जरूरत है. 
 
प्रवक्‍ता बागची ने एक संक्षिप्त बयान में कहा, ''हमने देखा है कि 8 दिसंबर 2023 को लोकसभा अतारांकित प्रश्न (Lok Sabha Unstarred Question) संख्या 980 के द‍िए गए उत्तर में राज्‍य मंत्री वी मुरलीधरन (V Muraleedharan) को संसद प्रश्न का उत्तर देने के संदर्भ में तकनीकी सुधार की आवश्यकता है.'' 


'राज्‍य मंत्री वी मुरलीधरन का नाम ल‍िखे जाने की तकनीकी सुधार की जरूरत'  


उन्‍होंने इस मामले में गलती क‍िस तरह से हुई, इसको लेकर कोई ड‍िटेल देने की बजाय कहा, ''यह उचित तरीके से किया जा रहा है. संसद में प्रश्न का उत्तर देने वाले राज्य मंत्री के रूप में मुरलीधरन का नाम लिखे जाने के लिए तकनीकी सुधार की जरूरत है. इसके लिए जरूरी और उपयुक्त पहल की जा रही है. 


'घटना की जांच व दोषियों पर कार्रवाई करने का निर्देश' 


केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने शनिवार को प्रेस कॉन्‍फ्रेंस करके भी मामले पर वक्‍तव्‍य देते हुए कहा था क‍ि इस उल्लंघन की सूचना प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) और विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर को दे दी गई है. विदेश सचिव को भी फोन किया गया है. घटना की जांच और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है. 


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