भारत के 14 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू है ये कानून, संसद में सरकार ने बताया
Habitual offender Law: राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के नए डाटा के मुताबिक, भारत की 1.29 लाख अपराधियों की आबादी में से लगभग 1.9 फीसदी आबादी को आदतन अपराधी के रूप में लिस्ट किया गया है.

Habitual offender Law: भारत सरकार ने मंगलवार (11 मार्च, 2025) को लोकसभा में खुलासा किया कि भारत में कम से कम 14 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में ‘आदतन अपराधियों’ यानी कि ‘Habitual offender’ कानून लागू है. बीते साल सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों से इस पर पुनर्विचार करने का आग्रह भी किया था कि क्या इस कानून की जरूरत है या नहीं.
गुजरात, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, गोवा, राजस्थान, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक और तेलंगाना इसमें शामिल है, जबकि पंजाब, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना, जैसे राज्यों का कहना है कि कानून व्यावहारिक रूप से निरर्थक है और उसे प्रदेश में लागू नहीं किया जाता है. वहीं गुजरात सरकार का दावा है कि उनके कानून के तहत किसी समुदाय को नुकसान पहुंचाने का इरादा नहीं है और यही कारण है की उन्होंने इसे निरस्त करने के खिलाफ राय भी दी है.
यूपी और गोवा में क्या है स्थिति?
उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा है कि आदतन अपराधी कानून के प्रावधान पहले से ही यूपी गुंडा नियंत्रण अधिनियम, 1970 के तहत आते हैं. इसलिए इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, जबकि तेलंगाना में कानून को दंडात्मक से ज्यादा निवारक बताया गया. गोवा ने कहा है कि राज्य में कोई विमुक्त खानाबदोश और अर्ध खानाबदोश, जैसी कोई जनजातीय नहीं है इसलिए कानून को निरस्त करने की कोई जरूरत नहीं है.
सरकार ने बताए जेल के नए आंकड़े
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के जेल के आंकड़ों से मिले नए डाटा के मुताबिक, भारत की 1.29 लाख अपराधियों की आबादी में से लगभग 1.9 फीसदी आबादी को आदतन अपराधी के रूप में लिस्ट किया गया है, जो सबसे ज्यादा दिल्ली में पाए गए हैं. दिल्ली में 21.5 फीसदी दोषियों को आदतन अपराधी की तरह लिस्ट किया गया है.
26 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने सरकार को बताई मौजूदा स्थिति
इसकी जानकारी लोकसभा में तब सामने आई जब केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय महाराष्ट्र से कांग्रेस के सांसद प्रशांत यादोराव पडोले के एक प्रश्न का उत्तर दे रहा था. सामाजिक न्याय राज्य मंत्री बीएल वर्मा ने कहा कि यह कानून राज्य अधिनियम है, इसीलिए केंद्रीय गृह मंत्रालय इन कानून की स्थिति पर समय-समय पर निगरानी करता रहता है. उन्होंने बताया कि 26 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के कानून की नई स्थिति प्रशासन की ओर से गृह मंत्रालय को दी गई है.
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