अहमदाबाद/नई दिल्ली: 2002 में हुए नरोदा पाटिया हत्याकांड मामले में आज गुजरात हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. हाईकोर्ट ने इस हत्याकांड के आरोपी बाबू बजरंगी को मौत तक जेल की सजा सुनाई है. बाबू बजरंगी को इस मामले में विशेष अदालत ने साल 2012 में मौत तक कैद की सजा सुनाई थी जिसे हाईकोर्ट ने बरकरार रखा है.


वहीं, इसी मामले में हाईकोर्ट ने माया कोडनानी को निर्दोष करार दिया है. माया कोडनानी दंगो के समय नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री थीं और उन पर लोगों को भड़काने का आरोप था. माया कोडनानी को विशेष अदालत ने 28 साल की सजा सुनाई थी. लेकिन अब हाईकोर्ट ने उन्हें निर्दोष करार दिया है.


गुजरात हाईकोर्ट ने पिछले साल अगस्त में इस मामले में विशेष एसआईटी अदालत के आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रखा था. न्यायमूर्ति हर्ष देवानी और न्यायमूर्ति एएस सुपेहिया की खंडपीठ ने विपक्षी दलों की दलीलें सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रखा था. इस मामले को समझने के लिए जस्टिस हर्ष देवनानी और जस्टिस एएस सुपेहिया दोनों ने ही अहमदाबाद के नरौदा पाटिया क्षेत्र का दौरा भी किया था.


क्या है पूरा मामला-




  • 28 फरवरी 2002 को नरोजा पाटिया में हुए इस हत्याकांड में 97 लोग मारे गए थे. इसमें करीब 33 लोग घायल हुए थे. यह घटना गोधरा रेलवे स्टेशन पर साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन के एक डिब्बे में आग लगाए जाने के एक दिन बाद हुई थी.

  • 2008 में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया था.

  • इस मामले में विशेष अदालत ने साल 2012 में 32 आरोपियों को दोषी करार दिया था और 29 को बरी कर दिया था.

  • 32 दोषियों में से आज गुजरात हाईकोर्ट ने माया कोडनानी सहित 17 लोगों को बरी कर दिया है. वहीं 12 की सजा को हाईकोर्ट ने बरकरार रखी है. इस मामले में एक आरोपी की मौत हो चुकी है.

  • माया कोडनानी को विशेष अदालत ने 28 साल की सजा सुनाई थी. वहीं, बाबू बजरंगी को आजीवन कैद की सजा दी गई थी. इस मामले में 7 दोषियों को 31 साल की सजा, और अन्य लोगों को 24 साल की सजा सुनाई थी.