'फिर से बनानी पड़ेगी इमारतें', सोमनाथ में बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट ने क्यों कही ये बात?
Gujarat Demolition Case: सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर गुजरात सरकार से जवाब मांगा है. कोर्ट ने फिलहाल सोमनाथ मंदिर के पास बुलडोजर ऐक्शन पर रोक लगाने से मना किया है. इस पर अगली सुनवाई 16 अक्टूबर को होगी.
Gujarat Demolition Case: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (4 अक्टूबर 2024) को गुजरात के सोमनाथ मंदिर के नजदीक चल रही बुलडोजर कार्रवाई पर रोक लगाने से मना कर दिया. हालांकि कोर्ट ने कहा, अगर अगर हमें लगेगा कि अधिकारी ने कोर्ट की अवमानना कर रहे हैं तो हम उन्हें ढांचे को सारी संपत्तियां दोबारा बनवाने का निर्देश देंगे. जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच सोमनाथ मंदिर के पास बने अवैध निर्माणों पर बुलडोजर एक्शन के खिलाफ सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की.
याचिकाकर्ता ने कोर्ट के अवमानना का बात कही
इस मामले में समस्त पटनी मुस्लिम समाज नाम की संस्था ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील संजय हेगड़े ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 17 सितंबर को देश भर में बुलडोजर कार्रवाई पर रोक लगाई थी, फिर भी सोमनाथ में यह कार्रवाई हुई, जो कोर्ट की अवमानना है. उन्होने कहा कि इसके लिए गिर सोमनाथ के कलेक्टर और दूसरे अधिकारियों पर मुकदमा चलना चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से मांगा जवाब
याचिकाकर्ता के वकील की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह राज्य सरकार के जवाब का इंतजार करना चाहते हैं. कोर्ट ने कहा कि हम अभी इस कार्रवाई को रोकने का आदेश नहीं दे रहे हैं. इस मामले की अगली सुनवाई 16 अक्टूबर 2024 को होगी. गुजरात प्राधिकरण की ओर से पेश सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि उस जगह पर साल 2023 में ही अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू हो गई थी. ऑथोरिटी की तरफ से नोटिस दिए गए थे.
सुप्रीम कोर्ट में दायर अवमानना याचिका में दरगाह मंगरोली शाह बाबा, ईदगाह, प्रभास पाटन, वेरावल, गिर सोमनाथ में स्थित कई अन्य स्ट्रक्चर के कथित अवैध विध्वंस का हवाला दिया गया. गुजरात के सोमनाथ में मंदिर से 1.5 किलोमीटर की दूरी पर सरकारी जमीन पर रहे अवैध निर्माणों को शुक्रवार (30 सितंबर 2024) की देर रात से हटाया गया.
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