कच्छ: गुजरात के कच्छ इलाके के भुज से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. प्रधानाचार्य, छात्रावास रेक्टर और एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. आरोप है कि इन लोगों ने 60 से अधिक छात्राओं को अपने इनरवीयर उतारने पर मजबूर किया. ये लोग चेक करना चाहते थे कि कितनी लड़कियों को पीरियड हो रहा है. ये मामला श्री सहजानंद गर्ल्स इंस्टिट्यूट यानि एसएसजीआई का है.


कॉलेज के एक अधिकारी ने बताया कि प्रधानाचार्य, महिला छात्रावास रेक्टर और कॉलेज की चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को एफआईआर के बाद निलंबित कर दिया गया है. पुलिस ने इन तीनों के अलावा एक अन्य महिला को भी आरोपी के तौर पर नामजद किया है हालांकि उसका कॉलेज से कोई लेना देना नहीं है. आरोपियों के खिलाफ आईपीसी 384, 355 और 506 के तहत मामला दर्ज किया है.


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अभी तक इस मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है. श्री सहजानंद गर्ल्स इंस्टिट्यूट एक स्व वित्तपोषित कॉलेज है जिसका अपना महिला छात्रावास है. राष्ट्रीय महिला आयोग के सात सदस्यों ने उन लड़कियों के साथ मुलाकात की जिन्हें कथित रूप से इनरवीयर उतारने के लिए मजबूर किया गया था. इससे पहले एक लड़की ने मीडिया से कहा था कि 60 लड़कियों ने इनरवीयर उतरवाए गए थे.


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इस दावे के बाद कॉलेज की ओर से ये बात कही गई कि छात्रावास में पीरियड्स के दौरान लड़कियां अन्य के साथ खाना नहीं खा सकती हैं. इस नियम को कुछ लड़कियों ने तोड़ा जिसकी जांच के लिए छात्रावास कर्मचारियों ने जांच की थी. पुलिस ने इस मामले में जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है और इस टीम में महिला पुलिसकर्मी भी शामिल हैं.