गांधीनगर: गुजरात और हिमाचल प्रदेश में बीजेपी की जीत के बाद अब तक सीएम पर सस्पेंस बना हुआ है. बीजेपी के सूत्रों के मुताबिक, गांधीनगर में कल नए विधायकों की बैठक हो सकती है, जिसमें मुख्यमंत्री के नाम पर फैसला हो सकता है. राज्य में मुख्यमंत्री चुनने की जिम्मेदारी वित्त मंत्री अरुण जेटली और पार्टी महासचिव सरोज पांडे को दी गई है.


सीएम के लिए विजय रुपाणी अभी भी पहली पसंद बताए जा रहे हैं, लेकिन सूत्रों का कहना है कि 2019 चुनाव को ध्यान में रखते हुए पाटीदार समुदाय से किसी नेता को अगर सीएम बनाया जाता है तो हैरानी नहीं होगी. रुपाणी के अलावा जिन दो नामों की सबसे ज्यादा चर्चा है वो पाटीदार समाज से आने वाले पुरुषोत्तम रुपाला और मनसुख मांडविया हैं.

आपको बता दें कि गुजरात में बीजेपी ने 99 सीटों पर जीत दर्ज की है जबकि 2012 में बीजेपी ने 115 सीटें जीती थीं. सीटों के नुकसान के बाद बीजेपी गुजरात में 2019 लोकसभा चुनाव के गणित को दिमाग में रखकर ही अगला फैसला करेगी.

हिमाचल में भी सस्पेंस बरकरार

वहीं, दूसरी तरफ हिमाचल में भी सीएम पर सस्पेंस बना हुआ है. नए मुख्यमंत्री को लेकर निर्मला सीतारामण और नरेंद्र सिंह तोमर आज नए विधायकों से शिमला में मुलाकात कर सकते हैं.

हिमाचल में बीजेपी के सीएम उम्मीदवार प्रेम कुमार धूमल भले चुनाव हार गए हों लेकिन सीएम की रेस में उनकी वापसी से मुकाबला एक बार फिर दिलचस्प हो गया है. कई विधायक धूमल से मुलाकात कर चुके हैं. तीन विधायकों ने तो उनके लिए अपनी सीट भी छोड़ने का एलान कर दिया है.

धूमल के अलावा केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा और पांच बार के विधायक जयराम ठाकुर भी रेस में हैं. बीजेपी सूत्रों के मुताबिक, सात बार के विधायक मोहिंदर सिंह, पांच बार के विधायक राजीव बिंदल, पूर्व बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सुरेश भारद्वाज और चार बार के विधायक कृष्ण कपूर  भी मुख्यमंत्री की रेस में हैं.