नई दिल्ली: दिल्ली में 16 दिसंबर, 2012 को निर्भया कांड के सामने आने के बाद पूरे देश में इसकी चर्चा हुई. देश में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रव्यापी विरोध-प्रदर्शन हुए. लेकिन निर्भया कांड के महज चार महीने बाद दिल्ली में ही पांच साल की एक मासूम के साथ दरिंदगी की गई थी. 'गुड़िया गैंगरेप' नाम की इस घटना ने एक बार फिर लोगों का सिर शर्म से नीचे कर दिया था. मामले के सामने आने के बाद से दिल्ली पुलिस के खिलाफ लोगों का गुस्सा भड़क गया था. लोग महिलाओं के लिए सुरक्षित माहौल मुहैया कराने की दिल्ली पुलिस से मांग कर रहे थे.


इस मामले में दिल्ली के कड़कड़डूमा कोर्ट ने प्रदीप और मनोज कुमार को दोषी करार दिया है. दोनों दोषियों की सजा पर बहस आज होगी. इससे पहले कोर्ट में इस मामले की सुनवाई के दौरान 59 लोगों की गवाही ली गई.


ये है मामला


पांच साल की गुड़िया 15 अप्रैल, 2013 को दिल्ली के गांधी नगर स्थित अपने घर से लापता हो गई थी. इस घटना के दो दिन बाद वह 17 अप्रैल की सुबह घायल अवस्था में अपने घर के पास मिली. मेडिकल रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि हुई कि उसके साथ दरिंदगी हुई है. इस घटना के समय उसकी उम्र महज पांच साल थी. गुड़िया को इसके बाद एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था. यहां डॉक्टरों ने उसके शरीर के अंदर से तेल की शीशी और मोमबत्ती निकाली थी.


इसके बाद दिल्ली पुलिस ने आरोपी प्रदीप और मनोज के खिलाफ जान से मारने की कोशिश, गैंगरेप, किडनैपिंग, सबूत मिटाने और पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था. इस मामले में आखिरी सुनवाई 18 जनवरी को हुई. यहां पेशी के लिए आए आरोपी ने कोर्ट परिसर में पत्रकारों पर हमला भी बोला था और कुछ लोगों के फोन को छीनने की कोशिश की थी.


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