GST Council Meeting: जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक में बड़ा फैसला लिया गया है. बैठक में 12% और 28% टैक्स स्लैब को खत्म कर दिया गया है. अब सिर्फ दो जीएसटी स्लैब होंगे, 5% और 18%. वहीं, पाप और विलासिता की वस्तुओं के लिए 40% का नया टैक्स स्लैब मंजूर किया गया है. यह बदलाव 22 सितंबर से लागू होंगे.
इस बैठक के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सोशल मीडिया पर खुशी जाहिर की और कहा कि इसका मकसद आम लोगों की जिंदगी आसान बनाना और अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है.
पीएम मोदी ने ने कही ये बात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस भाषण के दौरान उन्होंने जीएसटी में अगले स्तर के सुधारों की बात कही थी. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने जीएसटी दरों में कटौती और प्रक्रियात्मक सुधार का विस्तृत प्रस्ताव तैयार किया था, जिसका मकसद आम लोगों की जिंदगी आसान बनाना और अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है.
पीएम मोदी ने आगे कहा कि यूनियन और राज्यों से बनी जीएसटी काउंसिल ने मिलकर इस प्रस्ताव को मंजूरी दी है. इन सुधारों से किसानों, एमएसएमई, मध्यम वर्ग, महिलाओं और युवाओं को सीधा फायदा मिलेगा.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कही ये बात
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने विभिन्न क्षेत्रों में राहत लाने के लिए अगली पीढ़ी के GST सुधारों की घोषणा की है. कई महत्वपूर्ण वस्तुओं पर कर की दरें कम होने से, यह सुधार जीवन को आसान बनाएगा, व्यापार करने में आसानी को और मजबूत करेगा, छोटे व्यवसायों को सशक्त बनाएगा और आत्मनिर्भर भारत के तहत भारत की आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देगा. मैं इस साहसिक निर्णय के लिए प्रधानमंत्री मोदी और वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण को धन्यवाद देता हूं."
'सुधार आम आदमी को ध्यान में रखकर किए गए'
GST परिषद की 56वीं बैठक के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, "ये सुधार आम आदमी को ध्यान में रखकर किए गए हैं. आम आदमी के दैनिक उपयोग की वस्तुओं पर लगने वाले हर कर की कड़ी समीक्षा की गई है और ज्यादातर मामलों में दरों में भारी कमी आई है. श्रम प्रधान उद्योगों को अच्छा समर्थन दिया गया है. किसानों और कृषि क्षेत्र के साथ-साथ स्वास्थ्य क्षेत्र को भी लाभ होगा. अर्थव्यवस्था के प्रमुख चालकों को प्रमुखता दी जाएगी."
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आगे कहा, "हमने स्लैब कम कर दिए हैं. अब केवल 2 स्लैब होंगे और हम क्षतिपूर्ति उपकर के मुद्दों पर भी विचार कर रहे हैं."