नई दिल्ली: रावण दहन का दिन दशहरा करीब आ रहा है और दशहरे के दिन रावण दहन की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं. देश की राजधानी दिल्ली में ही दशहरे के दिन सैकड़ों रावण का दहन होता है. लेकिन दिल्ली हाईकोर्ट में अब मांग की गई है कि रावण दहन को लेकर किसी तरह के नियम या गाइडलाइंस बनाए जाएं क्योंकि जगह-जगह होने वाले रावण दहन से जो प्रदूषण होता है उससे दिल्ली की आबोहवा खराब होती है.
क्या है मामला? दिल्ली हाईकोर्ट में मंगलवार को बिहार के छपरा का रहने वाला एक शख्स जो दिल्ली में ऑटो चलाता है कोर्ट के सामने हुआ. उसने कोर्ट से कहा, छपरा में तो सिर्फ एक ही रावण का दहन होता है जबकि दिल्ली में कई जगह हैं जहां रावण जलाए जाते हैं. उसकी वजह से काफी ज्यादा प्रदूषण होता है, लिहाजा इस पर रोक लगनी चाहिए.
कोर्ट ने कहा मामला तो गंभीर है दिल्ली हाईकोर्ट ने मांग पर टिप्पणी करते हुए कहा कि मामला तो गंभीर है. लेकिन इस साल रावण दहन पर किसी तरह की कोई रोक नहीं लगाई जा सकती. कोर्ट ने सरकार से पूछा कि क्या इसको लेकर किसी तरह की कोई गाइडलाइंस बनाई जा सकती है?
हालांकि, कोर्ट ने सरकार से कहा है कि वह देखे कि क्या रावण दहन को लेकर किसी तरह की कोई पॉलिसी/गाइडलाइन बनाई जा सकती है जिससे कि कम रावणों का दहन हो और उससे प्रदूषण में कमी आ सके.
दिल्ली कैसे बन जाती है गैस चैंबर हर साल दिल्ली में जैसे ही सर्दी की शुरुआत होती है उसी दौरान दिल्ली की आबोहवा इस कदर खराब हो जाती है कि सांस लेना भी दूभर हो जाता है. इस साल भी कुछ ऐसा ही हाल देखने को मिल रहा है. इसकी एक बड़ी वजह बताई जाती है कि पड़ोसी राज्यों में जो फसल अवशेष जलाए जाते हैं उसका धुआं जब दिल्ली के वातावरण में पहुंचता है तो वह दिल्ली की हवा को जहरीली कर देता है. यह जहरीली हवा और ज्यादा ज़हरीली तब हो जाती है जब इसमें दशहरा और दिवाली के दौरान जलाए जाने वाले पटाखों का धुंआ मिल जाता है.
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