नई दिल्ली: भारत में बढ़ते कोरोना संक्रमण को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बढ़ी चिंता जाहिर की है. डब्ल्यूएचओ का कहना है कि दुनिया में एक दिन में आए मामले 40 फीसदी भारत से आ रहे हैं. मरने वालो का आंकड़ा भी एक दिन में दुनियाभर में मरने वालो का 26 फीसदी भारत में है. लेकिन सरकार संसद में कह रही है कि भारत में कोरोना से ठीक होने वाले लोगों की संख्या भी बढ़ रही है.


केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने मानसूत्र सत्र के पहले दिन आंकड़ा रखते हुए बताया कि 11 सितंबर तक भारत में कोरोना के कुल केस 45 लाख 62 हजार थे और 76 हजार 271 लोगों की मौत हुई थी. तब देश में कोरोना से मृत्युदर 1.67 फीसदी थी, जबकि दुनिया में मृत्युदर 3.2 फीसदी थी. तबतक देश में 35 लाख 42 हजार लोग कोरोना से ठीक भी हो गए थे.


सरकार के मुताबिक, भारत में कोरोना के लगभग 92 फीसदी माइल्ड केस हैं. इनमें से केवल 5.8 फीसदी मामलों में ऑक्सीजन थेरेपी की जरूरत हुई. जबकि केवल 1.7 फीसदी मामलों में ही ऑक्सीजन की जरूरत पड़ी.


दुनिया के मुकाबले भारत में बेहतर हालात
स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा, "भारत प्रति 10 लाख आबादी पर कोरोना केस और मृत्युदर को काबू करने में कामयाब रहा है. हमारे यहां प्रति 10 लाख आबादी पर 3328 मामले रिपोर्ट हुए और 55 लोगों की मौत हुई, जो कि कोरोना से प्रभावित हमारे जैसे दूसरे देशों की तुलना में काफी कम है."


कुछ ही राज्य ऐसे हैं, जहां कोरोना का भीषण हमला हुआ है. सरकारी की ओर दी गई जानकारी के मुताबिक, देश में एक लाख से कोरोना केस वाले राज्य हैं- उत्तर प्रदेश, दिल्ली, बिहार, महाराष्ट्र, गुजरात, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, तेलंगाना, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और असम.

सरकार का कहना है कि पहले जनता कर्फ्यू और फिर लॉकडाउन होने की वजह से देश में काफी नुकसान होने से बच गया. लॉकडाउन लगाने से 14-29 लाख लोग कोरोना से बचाए गए. लॉकडाउन न होता तो 37 से 78 हजार मौत और होती.


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