‘वन स्टाप क्राइसिस सेंटर’ का नाम 'साक्षी' रखा गया, निर्भया के पैरेंट्स ने कहा, ‘यह सही नहीं’
एजेंसी | 30 Dec 2016 08:29 AM (IST)
नई दिल्ली: सोलह दिसंबर सामूहिक बलात्कार की पीड़िता के माता पिता ने कल सरकार द्वारा महिलाओं की सभी समस्याओं के लिए संकट केन्द्रों का नाम ‘निर्भया’ की जगह ’साक्षी’ रखने पर असंतोष जताया. उन्होंने आरोप लगाया कि यह लोगों के बीच से उनकी बेटी की यादों को मिटाने का प्रयास है. पीड़िता की मां आशा देवी ने कहा, ‘‘शुरूआत में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने देशभर में ‘वन स्टाप क्राइसिस सेंटर’ खोलने और इनका नाम ‘निर्भया सेंटर’ रखने की घोषणा की थी. लेकिन परियोजना सामने आने पर उन्होंने इसका नाम ‘साक्षी’ रख दिया. यह सही नहीं है.’’ उन्होंने सरकार से सवाल किया, ‘‘क्या हुआ, मेरी बेटी ने समाज और सरकार को संदेश दिया कि महिलाओं के खिलाफ अपराध ने सभी सीमाएं पार कर दी हैं और यह कि हमें जागना होगा और कदम उठाना होगा. आप उसे कैसे भूल सकते हैं.’’ निर्भया सेंटर या साक्षी सेंटर हताश महिलाओं के लिए संकट निवारण केन्द्र हैं और इसे केन्द्र सरकार द्वारा कोष उपलब्ध कराया जाता है. इसे देशभर के सभी 640 जिलों और 20 अतिरिक्त स्थलों पर स्थापित किया जाना है. इस तरह के केन्द्र खोलने के कार्यक्रम को 16 दिसंबर 2012 की गैंगरेप की दिल दहला देने वाली घटना की शिकार लड़की को श्रद्धांजलि देने के इरादे से तैयार किया गया था, लेकिन आशा देवी का आरोप है कि सरकार उनकी बेटी की तकलीफों को मिटाने की कोशिश कर रही है. ‘‘सरकार और समाज भले ही भूल सकता है, लेकिन मैं कैसे भूलूं. मैं जब भी आंखें बंद करती हूं, उसका चेहरा मेरी आंखों के सामने आ जाता है और उस अभागी रात उसने जो पीड़ा झेली थी, मैं उसे महसूस कर सकती हूं और कांपती रूह के साथ मैं जाग जाती हूं.’’ पीड़िता के पिता बद्री सिंह पांडे को शिकायत है कि सरकार ने 2013 के बजट में जिस निर्भया कोष की स्थापना की थी, उसे सही तरीके से इस्तेमाल नहीं किया गया. उनका कहना था कि शहर में अब भी ऐसे कई स्याह कोने हैं, जिन्हें रौशन करने की जरूरत है.