Internet Speed News: स्लो स्पीड वाले ब्रॉडबैंड इंटरनेट (Broadband Internet) को लेकर केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. धीमे इंटरनेट पर चाबुक चलाते हुए सरकार ने ब्रॉडबैंड की न्यूनतम स्पीड तय कर दी है. सेवा प्रदाता कंपनियों के लिए 2 एमबीपीएस (2MBPS) की न्यूनतम डाउनलोड स्पीड अनिवार्य होगी. सरकार की अधिसूचना में कहा गया कि अब टेलीकॉम कंपनियां इससे स्लो स्पीड वाला ब्रॉडबैंड इंटरनेट नहीं देंगी.


ट्राई की सिफारिशों के आधार पर DoT ने ब्रॉडबैंड की परिभाषा बदली है. हाल ही में ओकला के स्पीडटेस्ट ग्लोबल इंडेक्स के आंकड़ों से पता चला था कि दिसंबर 2022 में भारत की मोबाइल इंटरनेट स्पीड में उछाल आया. देश वैश्विक रैंकिंग में 79वें स्थान पर पहुंच गया. नवंबर के महीने में देश 105वें स्थान पर था. 


मोबाइल डाउनलोड स्पीड में हुआ सुधार


ओकला के आंकड़ों के अनुसार, भारत में मीडिया मोबाइल डाउनलोड स्पीड में 18.26 एमबीपीएस से 25.29 एमबीपीएस तक जबरदस्त सुधार देखा गया है. इस छलांग का एक कारण यह भी है कि भारत में 5G रोलआउट में काफी वृद्धि हुई है, खासकर दिसंबर में टेलीकॉम ऑपरेटरों के नए नेटवर्क में अधिक से अधिक शहरों को जोड़ा है.




ब्रॉडबैंड में रैंकिंग अभी भी कम


हालांकि, अपलोड गति भारत में खराब बनी हुई है. भारत ने मोबाइल डाउनलोड स्पीड में जहां बेहतर प्रदर्शन किया, वहीं फिक्स्ड ब्रॉडबैंड में रैंकिंग नवंबर में 80वीं रैंकिंग की तुलना में एक पायदान गिरकर 81 पर आ गई. मामूली सुधारों के बावजूद, जब मोबाइल इंटरनेट और फिक्स्ड ब्रॉडबैंड स्पीड की बात आती है तो भारत अभी भी अन्य देशों से बहुत पीछे है.


दिसंबर स्पीडटेस्ट ग्लोबल इंडेक्स के अनुसार, कतर वैश्विक औसत मोबाइल स्पीड के चार्ट में सबसे आगे है जबकि सिंगापुर फिक्स्ड ब्रॉडबैंड (Broadband Internet) में सबसे आगे है. ग्लोबल इंडेक्स के लिए डेटा हर महीने Ookla के स्पीडटेस्ट का उपयोग करने वाले लोगों की ओर से लिए गए लाखों टेस्ट से आता है.


ये भी पढ़ें- 


WhatsApp कॉल करना अब होगा और आसान, होमस्क्रीन पर मिलेगी ये खास सुविधा