Guillain Barre Syndrome: गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (GBS) की वजह से भारत में मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है. बीते 24 घंटों में महाराष्ट्र के कोल्हापुर से दो और आंध्र प्रदेश के गुंटूर से एक मरीज की मौत हुई है. इस दुर्लभ न्यूरोलॉजिकल बीमारी से अब तक देशभर में 19 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. जहां महाराष्ट्र में कुल 15 मौतें हो चुकी हैं, वहीं असम, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में भी एक-एक व्यक्ति की जान गई है.

कोल्हापुर के CPR हॉस्पिटल में शनिवार (15 फरवरी) रात दो मरीजों की मौत हो गई. इनमें 65 वर्षीय एक व्यक्ति कोल्हापुर से और 64 वर्षीय मरीज कर्नाटक के चिकोडी से था. अस्पताल के डीन डॉ. सत्यवान मोरे ने बताया कि दोनों मरीजों को पहले से ही हाईपरटेंशन और डायबिटीज थी. जब वे अस्पताल पहुंचे तब तक उनके लक्षण गंभीर हो चुके थे. उन्हें इम्यूनोग्लोबुलिन थेरेपी और वेंटिलेटर सपोर्ट दिया गया, लेकिन मरीज को बचाने में सफलता नहीं मिल सकी. इससे पहले इसी हॉस्पिटल में एक और मरीज की मौत हो चुकी है.

आंध्र प्रदेश में GBS से पहली मौत

आंध्र प्रदेश के गुंटूर में GBS से पहली मौत दर्ज की गई. प्रकाशम जिले की 60 वर्षीय महिला जो पिछले कुछ दिनों से वेंटिलेटर पर थी. रविवार (16 फरवरी) को दम तोड़ गई. गुंटूर के सरकारी अस्पताल में अभी चार और मरीज GBS का इलाज करवा रहे हैं जबकि राज्यभर के बाकी अस्पतालों में कुल 13 मरीज भर्ती हैं.

अब तक करीब 208 मरीज GBS से प्रभावित

रविवार (16 फरवरी) को पुणे में पहली बार ऐसा हुआ जब जनवरी की शुरुआत से अब तक कोई नया मामला या मौत दर्ज नहीं की गई. अब तक पुणे और उसके आसपास के इलाकों में 208 मरीज GBS से प्रभावित हो चुके हैं. इस बीच स्वास्थ्य मंत्री सत्य कुमार ने कहा कि सरकार ने इम्यूनोग्लोबुलिन थेरेपी के लिए पर्याप्त दवाओं का स्टॉक तैयार रखा है ताकि मरीजों को सही समय पर इलाज मिल सके.

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