नई दिल्ली : दक्षिणी दिल्ली में तुगलकाबाद स्थित रानी झांसी सर्वोदय कन्या विद्यालय के पास शनिवार सुबह हुई गैस लीक की घटना से अफरातफरी मच गई. 100 से अधिक छात्राएं बीमार हो गईं, जिन्हें अस्पतालों में भर्ती कराय गया. थोड़ी देर में ही साढ़े तीन हजार छात्राओं से भरे स्कूल को खाली करा लिया गया. लेकिन, घटना ने सरकार के तमाम दावों की पोल खोल दी है.

रासायनिक हमले की आशंका पहले ही कई दफा जाहिर की जा चुकी है

दरअसल, दिल्ली में रासायनिक हमले की आशंका पहले ही कई दफा जाहिर की जा चुकी है. इसे लेकर पुलिस और प्रशासन की ओर से कई दावे भी किए गए हैं. पिछले साल नवंबर में जवाहर लाल नेहरू मेट्रो स्टेशन पर इससे संबंधित एक मॉक ड्रिल भी की गई थी. जिसमें अचानक हुए गैस हमले के बाद की जाने वाली कार्रवाई को दर्शाया गया था.

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रिसाव लापरवाही का नतीजा है या फिर किसी की साजिश का हिस्सा ?

स्कूल के पास हुए गैस रिसाव लापरवाही का नतीजा है, गैर कानूनी काम का या फिर किसी की साजिश ये तो जांच के बाद ही पता लगेगा. लेकिन, एक बात तय है कि इतने बड़े इलाके में हुए गैस रिसाव के बाद जो राहत कार्य होने चाहिए थे वे नहीं हुए हैं. बच्चों को सूचना मिलते ही अस्पताल जरूर पहुंचा दिया गया लेकिन ऐसी आपदाओं के समय और जो होना चाहिए वह नहीं हुआ.

जिस स्थान पर यह घटना हुई है वह काफी घनी आबादी वाला इलाका

यहां तक कि जिस स्थान पर यह घटना हुई है वह काफी घनी आबादी वाला इलाका है. गैस को काफी रिसा है लेकिन, दोपहर तक रिहायसी इलाकों में कोई कार्रवाई नहीं हुई थी. रेलवे कालोनी में भी लोग परेशान हो रहे थे लेकिन, उन्हें भी हटाने का प्रयास नहीं किया गया था.

लापरवाहियों को संकेत :

1. घटना सुबह सात बजे हुए जबकि 11 बजे के बाद एनडीआरएफ टीम पहुंची

2. बच्चों को अस्पताल पहुंचाया गया लेकिन, वहां कोई मास्क आदि उपलब्ध नहीं कराया गया

3. रिहायशी इलाकों में भी लोग परेशान थे, उनके लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई

4. घटना के बाद रिसाव के पूरे क्षेत्र को खाली कराना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं किया गया

5. रिसाव के स्रोत को खत्म करने के लिए फौरी तौर पर कोई कवायद नहीं हुई

6. बचाव कार्य को लिए जो पुलिसकर्मी या प्रशासनिक अधिकारी पहुंचे वे भी पूरी तैयारी में नहीं थे