महाराष्ट्र का सबसे बड़ा पर्व गणेश उत्सव धूमधाम से मनाया जाता है इसकी अलग ही रौनक महाराष्ट्र के कोकण क्षेत्र में देखने को मिलती है. गणेश उत्सव मनाने के लिए लाखों की संख्या में लोग मुम्बई, पुणे जैसे शहरों से अपने गांव की ओर कोकण क्षेत्र में जाते हैं. कोरोना संकट काल के बीच अलग अलग राजनीतिक पार्टियों और सामाजिक संगठनों द्वारा गणेश उत्सव के दौरान विशेष ट्रेन चलाई जाने की मांग की जा रही है.


सेंट्रल रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी शिवाजी सुतार ने बताया कि, ' कोविड की असाधारण स्थिति के मद्देनजर मध्य रेल के पत्र दिनांक 23/07/20 के अनुसार राज्य सरकार से गणपति स्पेशल ट्रेन (महाराष्ट्र के अन्तर्गत कोंकण क्षेत्र के लिए विशेष लंबी दूरी की मेल / एक्सप्रेस ट्रेन) विशेष ट्रेनों को चलाने के लिए संख्या और दिनांक के बारे में उनके विचार पूछे थे. महाराष्ट्र आपदा प्रबंधन इकाई के निदेशक ने अपने पत्र दिनांक 7.8.2020 को मध्य रेल के पत्र के जवाब में सूचित किया कि गणपति महोत्सव के लिए कोंकण क्षेत्र में विशेष ट्रेनें निर्धारित की जा सकती हैं. तदनुसार, मध्य रेल ने तत्काल विशेष ट्रेनों को निर्धारित किया और रेलवे बोर्ड की स्वीकृति के लिए भेजा. रेलवे बोर्ड ने दिनांक 9.8.2020 को तुरंत. कोरोना महामारी के मद्देनजर MHA के मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) और महाराष्ट्र सरकार के अंतर जिला यात्रा मानदंडों का पालन करने के अधीन विशेष ट्रेनों को चलाने की मंजूरी दे दी है.


सेंट्रल रेलवे के वरिष्ठ जनसंपर्क अधिकारी ए.के. सिंह ने एबीपी न्यूज को बताया कि, ' रेलवे सोशल डिस्टेंसिंग आदि विशेष मानदंडों के साथ विशेष गाड़ी चलाने को तैयार है. इस संबंध में राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने शनिवार 8 अगस्त की रात्रि टेलीफोन पर सूचित किया, कि विशेष ट्रेनों के चलाने के शेड्यूल को होल्ड रखें, क्योंकि मामला महाराष्ट्र सरकार के पुनःविचाराधीन है और कहा कि वे परिणाम के बारे में बतायेंगे. तब से बोर्ड स्तर और क्षेत्रीय स्तर पर रेलवे प्रशासन महाराष्ट्र सरकार के अधिकारियों के साथ निरंतर संपर्क में है और इस विषय मे फाइनल निर्णय आने पर आगे बढ़ने का इंतजार कर रहा है.


सेंट्रल रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी शिवाजी सुतार ने बताया कि , ' मध्य रेल यात्रियों को सूचित करना चाहता है कि वह स्पेशल चलाने के लिए तैयार है, हालांकि, अंतिम रूप से आगे बढ़ने के लिए महाराष्ट्र सरकार द्वारा पुष्टि की जानी बाकी है.'