नई दिल्ली: गणेश चतुर्थी की शुरूआत देशभर में शुरू हो चुकी हैं. गणपति बप्पा के स्वागत के लिए जगह-जगह पंडाला लगाए गए हैं. इस साल गणपति उत्सव 13 से 23 सितंबर तक चलेगा. गणेश जी को विघ्नहरता कहा जाता हैं लेकिन जब विघ्नरहता ही आपसे रूठ जाएं तो उन्हें कैसे मनाया जाएं? गणेश चतुर्थी पर एबीपी न्यूज आपको बता रहा है कि गणेश जी को कैसे मनाएं? क्या करें ऐसा कि खुश हो जाएं गणपति बप्पा ?

गणपति बप्पा को कैसे खुश करें -गणेश जी को अर्पित की गई चीजों को प्रसाद में बांट दें. -गणेश जी को मोदक जरूर दें. -मोदक में पंचमेवा और गुड़ रखें. -गणेशजी की प्रतिमा मिट्टी या आटे से बनाया जा सकता है. -काम में बाधाओं को दूर करने के लिए गणेशजी को गाय के उपले का भस्म लगाकर बिठाएं. -वैवाहिक जीवन में कोई दिक्कत आ रही हो तो पोटली में हल्दी भरकर गणेशजी की प्रतिमा पर लगाएं. -जीवन में ज्यादा बाधाएं हो तो चमेली के तेल में सिंदूर मिलाकर गणेश जी को लगाएं. -जीवन में ज्यादा बाधाएं हो तो गणेशजी के विनायक स्वरुप की पूजा करें. -गणेश जी का जन्म मध्याह्न में हुआ है इसलिए गणेशजी को मध्याह्न में बिठाया जाता है. -गणेश जी को बिठाने के बाद 10 दिनों तक उनकी पूजा होती है.

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गणेश पूजा के 16 चरण हैं- -विशेष पूजा के लिए पुरोहित की मदद लें. -गणपति पूजा के लिए उत्तर की ओर मुंह करके बैठें. -गणपति पूजा के लिए उत्तर-पूर्व में मुंह करके बैठें. -चौकी पर लाल या पीला कपड़ा डालकर गणपति जी को बिठाने के लिए आह्वान करें -आह्वान के बाद गणपति जी को आसन दें. -आसन देने के बाद गणेश जी का चरण धोएं -चरण धोने के बाद गणपति जी को जल प्रदान करें. -जल देने के बाद गणेश जी का आचमन करें. -आचमन के बाद भगवान गणपति को स्नान कराएं. -जल से स्नान कराने के बाद दूध से स्नान कराएं. -दूध से स्नान कराने के बाद दही से स्नान कराएं. -दही के बाद घी से स्नान कराएं. -घी के बाद शहद से स्नान कराएं. -शहद के बाद शक्कर से स्नान कराएं. -शक्कर के बाद सुगंधित तेल से स्नान कराएं. -सुगंधित तेल से स्नान कराने के बाद फिर से जल से स्नान कराएं. -स्नान के बाद गणेशजी को वस्त्र भेंट करें. -गणेशजी को वस्त्र के रुप में धोती, पट्टका और जनेऊ देना अच्छा होता है -वस्त्र भेंट करने के बाद गंध का अर्पण करें. -इत्र भेंट करने के बाद गणेशजी को अक्षत अर्पण करें. -अक्षत अर्पण के बाद पुष्पार्पण करें. -गणेश जी को फूलों की माला भी पहनाया जा सकता है. -गणेशजी को दूर्वा भेंट करें और सिंदूर का तिलकत करें. -धूप जलाकर गणेशजी का धूप से आरती करें. -आम की लकड़ी वाली अगरबत्ती का इस्तेमाल लाभदायक होगी. -एक थाली में पांच दीपक रखकर गणेशजी की आरती उतारें. -आरती उतारने के बाद गणेशजी को नैवेद्य दें. -पान, नारियल, सुपारी गणेशजी को भेंट करें. -नैवेद्य भेंट करने के बाद गणेशजी का प्रदक्षिणा करें. -प्रदक्षिणा करने के बाद ऊं गं गणपताय नम: का जप करें.

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