देश की आर्थिक राजधानी मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (CSMIA) ने अपनी आपदा प्रबंधन और संकट प्रतिक्रिया क्षमता को और मजबूत करने के उद्देश्य से गुरुवार (27 नवंबर, 2025) को एक व्यापक फुल स्केल इमरजेंसी एक्सरसाइज (FSEE) का सफलतापूर्वक आयोजन किया. इस मॉक ड्रिल के दौरान छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक विमान के रनवे से आगे निकलकर आग पकड़ने की काल्पनिक स्थिति का सिमुलेशन किया गया.
एजेंसियों की तत्परता, प्रतिक्रिया क्षमता और समन्वय तंत्र की परख करना था उद्देश्य
यह एक द्विवार्षिक (biannual) अभ्यास है, जिसे आज गुरुवार (27 नवंबर, 2025) से पहले साल 2023 और 2021 में भी आयोजित किया जा चुका है. इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य विभिन्न एजेंसियों की तत्परता, प्रतिक्रिया क्षमता और समन्वय तंत्र की परख करना है, जिससे कि किसी वास्तविक आपात स्थिति में प्रभावी कार्रवाई की जा सके और हवाई अड्डे की संचालन की क्षमता पर किसी भी तरह का प्रभाव न पड़े.
CSMIA पर मॉक ड्रिल में कौन-कौन सी एजेंसियां हुईं शामिल?
इस मॉक ड्रिल में कई महत्वपूर्ण विभागों और एजेंसियों ने हिस्सा लिया, जिनमें एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC), भारतीय वायुसेना (IAF), इमिग्रेशन, कस्टम्स, एयरपोर्ट हेल्थ ऑर्गनाइजेशन, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF), ग्राउंड हैंडलिंग एजेंसियां, मुंबई पुलिस, ट्रैफिक पुलिस, मुंबई फायर ब्रिगेड, सिविल डिफेंस, राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDRF), राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF), MCGM, डिजास्टर मैनेजमेंट सेल, एयरलाइन ऑपरेटर्स कमेटी (AOC), अस्पताल, एम्बुलेंस सेवाएं और एयरपोर्ट के आसपास स्थित होटल शामिल रहे.
CSMIA वैश्विक एविएशन मानकों का करता है पालन
वैश्विक एविएशन मानकों का पालन करने के साथ-साथ ऐसे अभ्यास छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (CSMIA) की यात्री सुरक्षा के प्रति निरंतर प्रतिबद्धता को भी दर्शाते हैं. इन ड्रिल्स के माध्यम से हवाई अड्डा प्रशासन अपने प्रोटोकॉल को और सुदृढ़ करता है और संकट प्रबंधन के उच्चतम मानकों को बनाए रखने की दिशा में निरंतर कार्य करता रहता है.
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