IAS Officer Fauzia Tarannum Controversy: कर्नाटक के कलबुर्गी की उपायुक्त फौजिया तरन्नुम के खिलाफ कथित ‘‘पाकिस्तानी’’ टिप्पणी करने के संबंध में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधान परिषद सदस्य (MLC) एन रविकुमार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. पुलिस ने मंगलवार (27 मई) को यह जानकारी दी. अधिकारियों ने बताया कि एमएलसी ने 24 मई को भाजपा के विरोध-प्रदर्शन के दौरान कथित टिप्पणी की थी. रविकुमार ने आईएएस अधिकारी पर कांग्रेस पार्टी के आदेश पर काम करने का आरोप लगाया था और कथित तौर पर कहा था, ऐसा लगता है कि वह पाकिस्तान से आई हैं.
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि भाजपा एमएलसी के खिलाफ स्टेशन बाजार थाने में मामला दर्ज किया गया है और जांच की जा रही है. घटना की निंदा करते हुए ‘आईएएस ऑफिसर एसोसिएशन’ ने कुमार से उनकी ‘‘गैर-जिम्मेदार और अस्वीकार्य टिप्पणियों’ के लिए बिना शर्त माफी मांगने की मांग की है.
फौजिया तरन्नुम एक बेदाग और ईमानदार IAS अधिकारीआईएएस ऑफिसर एसोसिएशन ने एक बयान में कहा, ‘‘फौजिया तरन्नुम एक बेदाग और ईमानदार आईएएस अधिकारी हैं जिनका ‘ट्रैक रिकॉर्ड’ सराहनीय है और वह जनसेवा तथा राज्य के प्रति गहन समर्पण की भावना रखती हैं. रवि कुमार की तरफ से उनके खिलाफ की गई टिप्पणी निराधार, अनुचित और पूरी तरह से तर्कहीन है. इस तरह के भड़काऊ और झूठे बयान न केवल प्रतिबद्ध लोकसेवकों की गरिमा को ठेस पहुंचाते हैं, बल्कि गंभीर मानसिक आघात भी देते हैं तथा यह कर्तव्य के दौरान उत्पीड़न के समान है.’’
उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार का बयानकलबुर्गी डीसी फौजिया तरन्नुम के खिलाफ कथित टिप्पणी के लिए भाजपा एमएलसी एन रवि कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने पर कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा, "भारतीय प्रशासनिक सेवा संघ के अधिकारी और अन्य लोग आज सुबह मुझसे मिले. वे सभी हैरान हैं. वह (फौजिया तरन्नुम) एक बहुत ही साफ-सुथरी अधिकारी हैं. यह एक महिला अधिकारी के प्रति उनका सम्मान है. सरकार कार्रवाई करेगी और मैं भाजपा अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्रियों से स्पष्टीकरण मांगता हूं''.
कर्नाटक कांग्रेस का हमलाफौजिया तरन्नुम से जुड़े मामले पर कर्नाटक कांग्रेस ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा कि भाजपा एमएलसी एन. रविकुमार की तरफ से कलबुर्गी डीसी फौजिया तरन्नुम को एक विरोध प्रदर्शन के दौरान "पाकिस्तानी" कहना शर्मनाक टिप्पणी है. कर्नाटक आईएएस अधिकारी संघ ने इस बयान की निंदा की. राष्ट्रपति की ओर से सम्मानित एक आईएएस अधिकारी सम्मान का हकदार है, सांप्रदायिक गाली का नहीं.