चंडीगढ़: पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने 2015 के कोटकपुरा पुलिस गोलीकांड की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) से उनकी पेशी के लिए नयी तारीख तय करने का आग्रह किया है. साथ ही, कहा है कि उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं है.


एसआईटी ने बादल (93) को तलब किया था और उन्हें मोहाली के रेस्टहाउस में बुधवार को प्रासंगिक दस्तावेजों के साथ उपस्थित होने को कहा था. बादल ने कानून के साथ पूरा सहयोग करने के अपने इरादे और प्रतिबद्धता को दोहराते हुए तथा न्यायापालिका पर पूरा विश्वास होने का जिक्र करते हुए कहा कि उन्हें चिकित्सकों ने 10 दिनों तक पूरी तरह से आराम (बेड रेस्ट) करने की सलाह दी है.


स्वास्थ्य कारणों को लेकर बादल एसआईटी के समक्ष नहीं हो सकेंगे उपस्थित- प्रवक्ता 


इससे पहले दिन में, शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के प्रवक्ता ने कहा था कि बादल स्वास्थ्य कारणों को लेकर 16 जून को एसआईटी के समक्ष उपस्थित नहीं हो सकेंगे. एसआईटी के समन के दो पृष्ठों के अपने जवाब में बादल ने कहा , ‘‘जैसे ही मेरा स्वास्थ्य बेहतर होगा, मैं कानून के मुताबिक जांच में शामिल होने के लिए अपने मौजूदा आवास (चंडीगढ़ स्थित एमएलए फ्लैट में) उपलब्ध हो जाउंगा.’’


उन्होंने उम्मीद जताई कि पिछली एसआईटी के उलट यह एसआईटी देश के कानून का सम्मान करेगी और मौजूदा शासन के राजनीतिक हस्तक्षेप का सामना करते हुए निष्पक्ष जांच करेगी. उन्होंने मौजूदा शासन पर आरोप लगाया है कि वह तुच्छ राजनीतिक फायदे के लिए कानून का खुल्लम खुल्ला उल्लंघन कर रहा है.


राजनीतिक हस्तक्षेप के जरिए समझौता किया जा चुका है- बादल


बादल ने पंजाब पुलिस की एसआईटी को भेजे पत्र में आरोप लगाया, ‘‘जांच की पूरी प्रक्रिया में खुल्लम खुल्ला राजनीतिक हस्तक्षेप के जरिए पहले ही समझौता किया जा चुका है....’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसके बावजूद वह जांच प्रक्रिया में पूरा सहयोग करेंगे.’’


पूर्व मुख्यमंत्री ने पत्र के साथ अपना चिकित्सा प्रमाणपत्र भी संलग्न किया है. उन्होंने समूची जांच प्रक्रिया को नष्ट करने आरोप लगाते हुए पिछली एसआईटी के एक सदस्य की कड़ी आलोचना भी की है. बादल ने कुछ खबरों का हवाला देते हुए दावा किया कि पिछली एसआईटी के निष्कर्ष मौजूदा सत्तारूढ़ दल के आधा दर्जन हाई प्रोफाइल सदस्यों द्वारा संयुक्त रूप से लिखी गई पटकथा के आधार पर थे.


पुलिस गोलीबारी की घटना की जांच के लिए नयी एसआईटी गठित की थी


गौरतलब है बादल उस वक्त राज्य के मुख्यमंत्री थे, जब 2015 में गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी और इसके बाद पुलिस गोलीबारी की घटना हुई थी. पंजाब सरकार ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के निर्देशों के बाद पुलिस गोलीबारी की घटना की जांच के लिए नयी एसआईटी गठित की थी. नयी एसआईटी कोटकपुरा घटना के सिलसिले में 14 अक्टूबर 2015 और सात अगस्त 2018 को दर्ज दो प्राथमिकियों की जांच कर रही है.


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