नई दिल्ली: देशभर में नागरिकता कानून पर जारी विरोध के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. जयराम रमेश की याचिका पर बुधवार को सुनवाई होगी. जयराम ने अपनी व्यक्तिगत क्षमता से इस नये कानून को चुनौती दी है. उन्होंने 13 दिसंबर को यह याचिका दायर की थी.


पूर्व केंद्रीय मंत्री ने ट्वीट किया, ''जल्दबाजी में लाए गए नागरिकता संशोधन कानून के कारण पैदा हुई अत्यंत कठिन स्थिति को देखते हुए, मैंने माननीय उच्चतम न्यायालय का रुख किया है ताकि मेरे विषय में त्वरित सुनवाई हो.''


जयराम ने कहा, ''माननीय न्यायाधीशों ने इस मामले में मेरी याचिका पर सुनवाई बुधवार को करने की सहमति जताई है.'' अपनी याचिका में रमेश ने अदालत से आग्रह किया है कि नागरिकता (संशोधन) अधिनियम 2019 को असंवैधानिक और अमान्य घोषित करने के लिए उचित आदेश पारित किया जाए.


नागरिकता कानून पर बवाल के बीच प्रणब मुखर्जी की नसीहत- सरकारों को सबको साथ लेकर चलना चाहिए


कांग्रेस नेता ने यह भी मांग की कि अदालत उचित फैसला देते हुए यह घोषित करे कि संशोधित कानून 1985 के असम समझौते और भारत के संविधान को विपरीत है. रमेश ने यह भी घोषित करने की मांग की कि यह संशोधित अधिनियम अंतरराष्ट्रीय कानून एवं दायित्व का उल्लंघन करता है.


नागरिकता कानून के खिलाफ ममता बनर्जी की रैली, बोलीं- 'जब तक जिंदा हूं, यह कानून लागू नहीं करूंगी'