दिल्ली-NCR में बढ़े प्रदूषण से निपटने के लिए पूर्व आईपीएस अधिकारी किरण बेदी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की थी. इसके अगले दिन यानी शनिवार (29 नवंबर, 2025) को उन्होंने प्रदूषण संकट से निपटने के तरीकों की आलोचना की. उन्होंने कहा कि सरकारी अधिकारियों से सैनिटाइज्ड मीटिंग रूम से बाहर निकलकर धुएं से भरी सड़कों की असलियत देखनी चाहिए.
किरण बेदी ने दिल्ली प्रदूषण की समस्या को लेकर एक ब्लूप्रिंट भी शेयर किया है. पूर्व आईपीएस अधिकारी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर राष्ट्रीय राजधानी की बिगड़ती हवा को पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी करार दिया. किरण बेदी ने कहा कि शासन को रिमोट-नियंत्रित नहीं किया जा सकता. इसे धूल में खड़ा होना चाहिए, उसी हवा में सांस लेनी चाहिए और तत्परता से काम करना चाहिए.
किरण बेदी ने पीएम मोदी से की थी ये अपील
किरण बेदी का यह बयान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सार्वजनिक अपील करने के एक दिन बाद सामने आया है, जिसमें उन्होंने पीएम मोदी से दिल्ली में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए व्यक्तिगत रूप से हस्तक्षेप करने और प्रयासों का नेतृत्व करने की अपील की थी. उन्होंने कहा था, 'सर, प्लीज मुझे बार-बार अनुरोध करने के लिए माफ करें, लेकिन मैंने पुडुचेरी में उपराज्यपाल के तौर पर अपने कार्यकाल के दौरान आपके अत्यंत प्रभावी जूम सेशंस को देखा है. आपने किस तरह सभी को समयबद्ध तरीके से काम करने और राष्ट्रीय चुनौतियों को पूरा करने के लिए प्रेरित किया था और हर कोई समयसीमा और तय लक्ष्यों को पूरा करने के लिए उत्साहित रहता था.' उन्होंने कहा कि इस विकट समस्या में प्रधानमंत्री की भागीदारी से नागरिकों को भरोसा मिलेगा.
उन्होंने अपने एक्स पोस्ट में कहा, 'अगर सभी एजेंसियां नेतृत्व, विजिबिलिटी, निरंतरता और समन्वय के साथ अपनी-अपनी भूमिका निभाए तो दिल्ली-एनसीआर के वायु प्रदूषण पर प्रभावी रूप से नियंत्रण पाया जा सकता है.'
दिल्ली-NCR में प्रदूषण से निपटने के लिए किरण बेदी का प्लान
दिल्ली और एनसीआर में वायु प्रदूषण की समस्या से निपटने के तरीके में आमूलचूल बदलाव की मांग करते हुए पूर्व आईपीएस अधिकारी किरण बेदी ने अपना ब्लूप्रिंट शेयर किया, जो उन्होंने एक पूर्ण विचार और उतरदायित्व के साथ तैयार की योजना करार दिया, जिसमें,
- MoEFCC को राष्ट्रीय मानकों और ईंधन नियमों का कड़ाई से पालन कराना.
- CAQM को पूरे एनसीआर में एक समान दिशा-निर्देश सुनिश्चित करना.
- PMO को सभी प्रमुख मंत्रालयों के बीच समन्वय स्थापित करना.
- राज्यों के मुख्यमंत्री, मुख्य सचिवों और पुलिस महानिदेशकों को नियमों के प्रभावी क्रियान्वयन का नेतृत्व करना.
- जिलाधिकारी को प्रतिदिन फील्ड एक्जिक्यूशन का नेतृत्व करना.
- नगर निकाय, पुलिस और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को कचरा प्रबंधन, धूल नियंत्रण, यातायात व्यवस्था और औद्योगिक अनुपालन सुनिश्चित करना शामिल है.
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