नई दिल्ली: आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एन किरण कुमार रेड्डी ने आज चार साल बाद 'घर वापसी' की. वे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की मौजूदगी में पार्टी में दोबारा शामिल हो गए. रेड्डी ने 2014 लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस पार्टी को झटका देते हुए इस्तीफा दे दिया था और नई पार्टी 'जय समैक्यांध्र' बना ली थी. लोकसभा चुनाव में 'जय समैक्यांध्र पार्टी शून्य पर सिमट गई थी.

तत्कालीन मुख्यमंत्री रेड्डी आंध्र प्रदेश से अलग तेलंगाना राज्य बनाने के केंद्र की अपनी ही सरकार के फैसले का विरोध कर रहे थे. हालांकि संसद में भारी हंगामे के बाद भी कांग्रेस की तत्कालीन यूपीए सरकार ने तेलंगाना को अलग राज्य का दर्जा दिया. इसी वजह से रेड्डी समेत पार्टी से कई नेताओं ने नाता तोड़ लिया था.

अब अलग राज्य का मुद्दा खत्म हो चुका है लेकिन विधानसभा चुनाव से ठीक पहले आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिये जाने की मांग जोरों पर है. सूबे में सत्तारूढ़ तेलगू देशम पार्टी (टीडीपी), वाईएसआर कांग्रेस और कांग्रेस आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिये जाने की मांग पर अड़ी है. वहीं केंद्र की मोदी सरकार ने हर तरह की आर्थिक मदद का वादा किया. हालांकि विशेष राज्य का दर्जा दिये जाने से इनकार कर दिया है.

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विशेष राज्य का दर्जा दिये जाने की मांग राजनीतिक रंग ले चुका है. वाइएसआर कांग्रेस प्रमुख जगनमोहन रेड्डी राज्यभर का दौरा कर रहे हैं. टीडीपी इसी आधार पर केंद्र की मोदी सरकार से अलग हो चुकी है. वहीं कांग्रेस भी लगातार मोदी सरकार पर दबाव बना रही है.

एन किरण कुमार रेड्डी शुरुआती दौर से आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिये जाने की मांग करते रहे हैं. अब एक बार फिर कांग्रेस में वापसी हो चुकी है. साफ है कि कांग्रेस रेड्डी के सहारे एक बार फिर चुनाव में मजबूती से उतरेगी. हालांकि रेड्डी के छोटे भाई किशोर कुमार कुछ महीने पहले टीडीपी में शामिल हो गए थे.

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