Ranjan Gogoi on UCC:  भारत के पूर्व चीफ जस्टिस और वर्तमान राज्यसभा सांसद रंजन गोगोई ने यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) की वकालत की है. उन्होंने इसे प्रगतिशील कानून बताया है और इसे लागू करने के लिए देश में आम सहमति बनाने का प्रयास करने को कहा है. उन्होंने यह भी कहा है कि देश की राष्ट्रीय एकता की दिशा में UCC बेहद महत्वपूर्ण कदम है. 

गोगोई सूरत लिटफेस्ट 2025 में 'न्यायपालिका के लिए चुनौतियां' विषय पर अपनी बात रख रहे थे. उन्होंने कहा, 'समान नागरिक संहिता (UCC) एक प्रगतिशील कानून है. यह राष्ट्रीय एकीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा. इसका संविधान के अनुच्छेद 25 और 26 (धर्म के अधिकार से संबंधित) के साथ कोई टकराव नहीं है. इससे गोद लेने, विवाह, तलाक और उत्तराधिकार के मामलों पर असर पड़ेगा. यह गोवा में बहुत अच्छे से काम कर रहा है.'

गोगोई ने कहा, 'इस मामले में आम सहमति बनाने की जरूरत है और इसे लेकर फैलाई जा रही गलत खबरों की जांच भी करने की आवश्यता है. आज हमारे देश में अलग-अलग रीति-रिवाज हैं, परंपराएं हैं. इतनी विभन्नता से सामाजिक न्याय के मामलों पर असर होता है. कोई भी देश इतने ज्यादा कानून नहीं रख सकता. UCC हमारे देश को एकजुट कर सकता है.'

'लोगों को समझाना होगा'गोगोई ने कहा, 'मैं सरकार और सभी सांसदों से निवेदन करूंगा कि वे इसके लिए आम सहमति बनाएं. लोगों को बताएं कि यूसीसी क्या है. लोग इस बात को समझेंगे, हालांकि एक वर्ग कभी नहीं समझेग, वे इसे ना समझने का नाटक करेंगे लेकिन हमें फिर भी आगे की ओर देखना होगा.'

'जजों की संख्या एक लाख तक होनी चाहिए'पूर्व चीफ जस्टिस ने इस दौरान देश में लंबित मामलों की संख्या पर भी चिंता जताई. इसके समाधान के लिए उन्होंने देश में जजों की संख्या 24 हजार से बढ़ाकर एक लाख किए जाने का सुझाव दिया. गोगोई ने 'एक देश एक चुनाव' का भी समर्थन किया. उन्होंने कहा कि देश में हमेशा चुनाव होते रहते हैं, इसमें पैसा भी खूब लगता है और कामकाज भी रुकता है, 'एक देश एक चुनाव' इसका अच्छा समाधान है.

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