India Pakistan Meeting: भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) और उनके पाकिस्तानी समकक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी के बीच एससीओ समिट के दौरान औपचारिक बैठक होने की संभावना नहीं है. सूत्रों ने बुधवार (26 अप्रैल) को ये जानकारी दी. बिलावल भुट्टो (Bilawal Bhutto Zardari) अगले महीने एससीओ (SCO) की बैठक के लिए भारत का दौरा करेंगे. दो दिन पहले एस जयशंकर ने पनामा सिटी में परोक्ष रूप से पाकिस्तान की आलोचना की थी.


उन्होंने पनामा की विदेश मंत्री जनैना तेवने मेंकोमो के साथ एक संयुक्त पीसी में कहा था कि हमारे लिए एक ऐसे पड़ोसी के साथ जुड़ना बहुत मुश्किल है जो हमारे खिलाफ सीमा पार आतंकवाद का अभ्यास करता है. हमने हमेशा कहा है कि उन्हें सीमा पार आतंकवाद को प्रोत्साहित न करने, प्रायोजित न करने की प्रतिबद्धता को पूरा करना है. हम उम्मीद रखते हैं कि एक दिन हम उस मुकाम पर पहुंचेंगे. पिछले हफ्ते जम्मू-कश्मीर के पुंछ में एक आतंकवादी हमले में पांच भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे. 


एससीओ समिट में हिस्सा लेंगे बिलावल 


पाकिस्तान ने घोषणा की थी कि बिलावल भुट्टो जरदारी 4 और 5 मई को गोवा में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों के सम्मेलन में भाग लेंगे. ये बीते कई वर्षों में पाकिस्तान के किसी बड़े नेता की पहली भारत की यात्रा है. भारत ने हालांकि कहा कि किसी एक देश की भागीदारी पर ध्यान देना उचित नहीं होगा. ये पूछे जाने पर कि क्या पाकिस्तान ने दोनों विदेश मंत्रियों के बीच द्विपक्षीय बैठक का अनुरोध किया है, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने सीधा जवाब नहीं दिया. 


पाकिस्तान पर क्या बोले अरिंदम बागची?


उन्होंने कहा कि हम एक सफल बैठक की प्रतीक्षा कर रहे हैं. किसी एक विशेष देश की भागीदारी पर ध्यान देना उचित नहीं होगा. एससीओ के सदस्य देशों में भारत के अलावा कजाकिस्तान, चीन, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं. सदस्य देशों के अलावा, दो पर्यवेक्षक देश बेलारूस और ईरान भी एससीओ के रक्षा मंत्रियों की बैठक में भाग लेंगे. भारत और पाकिस्तान 2017 में पूर्ण सदस्य के रूप में संगठन में शामिल हुए थे. 


ये भी पढ़ें- 


Mafia Mukhtar Ansari: माफिया मुख्तार अंसारी और उसके बेटे पर लटकी IT की तलवार! कभी भी पूछताछ करने पहुंच सकती है जेल