विदेश मंत्री एस. जयशंकर अपने समकक्ष के साथ सातवें नेपाल-भारत संयुक्त आयोग की बैठक की सह-अध्यक्षता के लिए गुरुवार (4 जनवरी) को नेपाल पहुंचे. यह उनका दो दिवसीय दौरा है. गुरुवार और शुक्रवार को होने वाली इस बैठक के दौरान दोनों नेता द्विपक्षीय संबंधों की समग्र स्थिति की समीक्षा करेंगे.


साल 2024 में जयशंकर की यह पहली विदेश यात्रा है. जयशंकर, नेपाल के अपने समकक्ष एन. पी. सउद के साथ भारत-नेपाल संयुक्त आयोग की बैठक की सह-अध्यक्षता करेंगे.


1987 में हुई थी आयोग की स्थापना
भारत-नेपाल संयुक्त आयोग की स्थापना 1987 में हुई थी और यह दोनों पक्षों को द्विपक्षीय साझेदारी के सभी पहलुओं की समीक्षा करने के लिए मंच प्रदान करता है.  नेपाल के लिए रवाना होने से पहले विदेश मंत्री ने नई दिल्ली में कहा, 'नेपाल भारत की पड़ोस प्रथम नीति के तहत उसका महत्वपूर्ण भागीदार है. यह दौरा दो करीबी और मैत्रीपूर्ण पड़ोसियों के बीच उच्च स्तरीय आदान-प्रदान की परंपरा को ध्यान में रखते हुए है.'


दोनों देशों के रिश्तों को मजबूत करने पर होगा ध्यान
नेपाल के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अमृत बहादुर राय के अनुसार, 'संयुक्त आयोग की बैठक के दौरान, नेपाल-भारत संबंधों के सभी पहलुओं की समीक्षा की जाएगी.' बहादुर राय ने यात्रा से पहले पीटीआई-भाषा को बताया, 'यह द्विपक्षीय बैठक मुख्य रूप से आने वाले दिनों में नेपाल-भारत संबंधों को मजबूत करने और उनके बीच बेहतर होती साझेदारी के माध्यम से दोनों देशों के लिए अधिकतम लाभ उठाने पर केंद्रित होगी.'


राष्ट्रपति और पीएम से भी मिलेंगी एस. जयशंकर
विदेश मंत्रालय ने कहा कि अपनी यात्रा के दौरान जयशंकर नेपाल के राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल और प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड से शिष्टाचार मुलाकात करेंगे. विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि जयशंकर का नेपाल के वरिष्ठ नेताओं से मिलने का भी कार्यक्रम है. जयशंकर और उनके प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों के सम्मान में सउद रात्रिभोज का भी आयोजन करेंगे. दिसंबर 2022 में प्रचंड के तीसरी बार प्रधानमंत्री पद संभालने के बाद जयशंकर का यह पहला आधिकारिक नेपाल दौरा होगा.


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