Robotics Olympics in Switzerland: मुंबई की झुग्गी झोपड़ियों से आने वाले कुल 5 बच्चों का चयन "फर्स्ट ग्लोबल चैलेंज रोबोटिक्स ओलंपिक" के लिए किया गया है. निखत खान, प्रीतम थोपटे, पारस पावटे, रोहित साठे और सुमित यादव. ये सभी बच्चे स्विट्ज़रलैंड के जिनेवा में होने वाले रोबोटिक्स ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे. 13 से 16 अक्टूबर तक चलने वाले रोबोटिक्स ओलंपिक में दुनिया भर के 180 देशों के बच्चे हिस्सा ले रहे हैं.
इन 5 बच्चों की खासियत यह है कि यह सभी आर्थिक रूप से बेहद ही कमजोर लेकिन दिमागी रूप से प्रतिभाशाली हैं. सभी की उम्र 14 से 17 के बीच में है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्किल डेवलपमेंट योजना के तहद मुंबई की एक एनजीओ एक निजी कंपनी के साथ मिलकर इन बच्चों का स्किल डेवलप कर रही है.
कैसे किया चयन?
सलाम बॉम्बे (NGO) की तरफ से गौरव अरोड़ा ने बातचीत में बताया कि एनजीओ सलाम बॉम्बे ने इनोवेशन स्टोरी (निजी कंपनी) के साथ मिलकर टैलेंट हंट के जरिए मुंबई के झुग्गी- झोपड़ियों में रहने वाले इन 5 बच्चो का चयन कर उन्हें प्रशिक्षित किया है. बच्चो को रोबोटिक्स से संबंधित ट्रेनिंग दी है, जिसमें उन्होंने 3 महीने के प्रशिक्षण के बाद एक रोबोट बनाया है जिसका नाम "द्रोणा" रखा है.
द्रोणा रोबोट कई तरह के काम करने में सक्षम है. साथ ही द्रौणा लॉन्चर सिस्टम के साथ-साथ जायरोस्कोप जैसी तकनीकों से भी लैस है. इतना ही नहीं जमीन पर तेज दौड़ने वाला ये रोबोट अपने आप को एलिवेट कर कई फीट की ऊंचाई तक जा सकता है. अपने बच्चों की सफलता को देख इनके माता -पिता बहुत खुश हैं. माता-पिता की चाहत है कि बच्चे परिवार के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय मंच पर देश का नाम रोशन करें. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी मुंबई से इन बच्चों के सेलेक्ट होने पर खुशी जताते हुए शुभकामनाएं दी है.
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