फिरोजाबाद में वायरल बुखार से ग्रस्त ज्यादातर बच्चे स्क्रब टाइफस और लेप्टोस्पायरोसिस से पीड़ित, जानें क्या हैं इसके लक्षण
केंद्र सरकार ने फिरोजाबाद में बच्चों में वायरल बुखार के बढ़ते मामले को देखते हुए हाई लेवल कमिटी भेजी जिसमें जांच में पाया कि अधिकांश मामले डेंगू के हैं जबकि कुछ स्क्रब टाइफस और लेप्टोस्पायरोसिस के हैं.

फिरोजाबाद में बच्चों में वायरल बुखार के बढ़ते मामले को देखते हुए हाल में केंद्र सरकार ने हाई लेवल कमिटी भेजी थी. जिसमें नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल यानी NCDC और नेशनल वेक्टर ब्रोन डिजीज प्रोग्राम की टीम भेजी थी.
फिरोजाबाद गई केंद्रीय टीम ने जांच में पाया कि फिरोजाबाद में अधिकांश मामले डेंगू के हैं, जबकि कुछ स्क्रब टाइफस और लेप्टोस्पायरोसिस के हैं. जिसके बाद केंद्रीय टीम ने अपनी रिपोर्ट के साथ उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद को इसकी रोकथाम के लिए कुछ सलाह भी दी है. जिसपर केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव को चिट्ठी भी लिखी है.
स्क्रब टायफस की बीमारी का खबरा बढ़ जाता है
यानी फिरोजाबाद में सिर्फ डेंगू ही नहीं है बल्कि स्क्रब टाइफस और लेप्टोस्पायरोसिस से भी वायरल केस सामने आ रहे है. लेकिन ये स्क्रब टाइफस और लेप्टोस्पायरोसिस किस तरह की बीमारी है और कैसे फैलती है. सबसे पहले बात स्क्रब टायफस की. स्क्रब टायफस माइट्स (घुन जैसे छोटे कीट) के काटने के कारण होने वाली बीमारी है. साफ-सफाई की कमी के कारण यह माइट्स उत्पन्न हो सकता है. इसके काटने पर लोगों में स्क्रब टायफस की बीमारी का खबरा बढ़ जाता है.
इस बीमारी में बुखार और ठंड लगने के साथ सिरदर्द, शरीर और मांसपेशियों में दर्द की समस्या होती है. साथ ही जहां माइट्स या किट ने काटा होता है, वहां पर त्वचा का रंग गहरा हो जाता है साथ ही त्वचा पर चकत्ते भी नजर आ सकते हैं. समस्या बढ़ने के साथ रोगियों में भ्रम से लेकर कोमा तक की समस्या हो सकती है. समय पर इलाज न कराने पर संक्रमित व्यक्ति की मौत भी हो सकती है.
गर्म जलवायु में सबसे आम है
इसी तरह लेप्टोस्पायरोसिस भी एक बैक्टीरियल रोग है जो संक्रमित पशुओं के मूत्र से फैलता है. इंसान को लेप्टोस्पायरोसिस संक्रमित जानवरों के मूत्र के सीधे संपर्क से या उनके मूत्र से दूषित पानी, मिट्टी या भोजन के माध्यम से हो सकता है. यह गर्म जलवायु में सबसे आम है. इसमे संक्रमित मरीज के जोड़ों या मांसपेशियों में दर्द होता, दस्त, मतली, या उल्टी, ठंड लगना, थकान, तेज बुखार, सिरदर्द, लाल आंखें, त्वचा पर लाल चकत्ते, और गले में खराश होती है.
केंद्रीय टीम ने अपनी रिपोर्ट के साथ उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद को इसकी रोकथाम के लिए कुछ सलाह भी दी है. जिसपर केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव को चिट्ठी भी लिखी है.
केंद्रीय टीम और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्य सरकार को सुझाव दिए है कि
- बुखार वाले सभी मरीजों की डेंगू, मलेरिया, स्क्रब टाइफस और लेप्टोस्पायरोसिस की जांच जाए.
- एलिसा आधारित परीक्षण सुविधाओं को मजबूत करने की जरूरत है.
- फिरोजाबाद और आसपास के जिलों के जिला अस्पताल में आइसोलेशन बेड और दाखिले की सुविधाएं बढ़ाई जाय.
- डेंगू, स्क्रब टाइफस और लेप्टोस्पायरोसिस के प्रबंधन के लिए हाल के दिशा-निर्देशों पर फिरोजाबाद और पड़ोसी जिलों के पीएचसी, सीएचसी और जिला अस्पताल सह मेडिकल कॉलेज में सभी डॉक्टरों का एक संक्षिप्त reorientaion आयोजित करें.
-इस उद्देश्य के लिए केजीएमयू और इसी तरह के संस्थानों के संक्रामक रोगों के विशेषज्ञों की सेवाओं का उपयोग किया जा सकता है.
-जिला प्रशासन द्वारा आईईसी गतिविधियों को तेज करने की जरूरत.
केंद्र सरकार ने फिरोजाबाद में नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल की दो टीमें अगले 14 दिनों के लिए तैनात की है. ये टीम फिरोजाबाद प्रशासन को वहां हो रही मौतों और बीमारी को रोकने में की मदद करेगी.
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Source: IOCL





















