राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने रविवार को कहा कि उत्तर-पश्चिमी दिल्ली के जहांगीरपुरी में एक दिन पहले हुई हिंसा के दौरान कथित रूप से बच्चों का इस्तेमाल करने वालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाए. दिल्ली पुलिस आयुक्त को लिखे एक पत्र में एनसीपीसीआर ने कहा कि कई बच्चों को पथराव करते और उस भीड़ में शामिल देखा गया, जिसने हिंसा शुरू की थी.


आयोग ने उल्लेख किया कि किशोर न्याय अधिनियम के तहत बच्चों का इस्तेमाल करना एक अपराध है और अधिनियम का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाए. इसने कहा, "इस पत्र की प्राप्ति के सात दिनों के भीतर कार्रवाई की रिपोर्ट आयोग को प्रस्तुत की जानी चाहिए."


पुलिस के मुताबिक, शनिवार को यहां जहांगीरपुरी में दो समुदायों के बीच झड़प के दौरान पथराव और आगजनी हुई थी तथा कुछ वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया गया था. अधिकारियों ने रविवार को बताया कि दिल्ली पुलिस ने हिंसा की घटना के सिलसिले में 14 लोगों को गिरफ्तार किया है.


हनुमान जयंती जुलूस के दौरान हुई हिंसा के एक दिन बाद उत्तर-पश्चिमी दिल्ली के जहांगीरपुरी के प्रभावित क्षेत्रों में रविवार को तनावपूर्ण शांति रही और दंगा रोधी बल सहित पुलिस की भारी मौजूदगी दिखी. जहांगीरपुरी मेट्रो स्टेशन के पास की दुकानें और बाजार रविवार को खुले रहे, हालांकि ज्यादातर लोग घरों में ही रहे. शनिवार शाम हुई हिंसा का केंद्र रहे जहांगीरपुरी के सी ब्लॉक में पुलिस बल की भारी मौजूदगी रही. हिंसा में एक स्थानीय व्यक्ति और आठ पुलिसकर्मी घायल हो गए थे. 


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