नई दिल्ली: पेट्रोल-डीजल की लगातार बढ़ती कीमतों और डॉलर के मुकाबले रुपये की कमजोरी के मुद्दे पर चौतरफा घिरी मोदी सरकार ने आज कहा कि इसकी मुख्य वजह अंतर्राष्ट्रीय परिस्थिति है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कैबिनेट की बैठक के बाद कहा कि तेल की कीमत घटती-बढ़ती रहती है. अंतर्राष्ट्रीय कीमतें एक सीधी रेखा में नहीं चलती हैं.
वहीं डॉलर के मुकाबले रुपये की रिकॉर्ड कमजोरी पर जेटली ने कहा कि इसकी वजह घरेलू नहीं है. उन्होंने कहा, ''हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि डॉलर के मुकाबले सभी मुद्रा कमजोर हुई हैं. हालांकि, ऐसे समय में भी रुपया या तो कम गिरा या फिर स्थिर बना रहा. भारतीय मुद्रा अन्य देशों की मुद्रा के मुकाबले पिछले 4-5 साल से बेहतर स्थिति में है.''
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, ''अगर आप अंतर्राष्ट्रीय या घरेलू स्तर पर देखेंगे तो रुपये के गिरने के पीछे कोई घरेलू वजह नहीं है. सभी वजहें अंतर्राष्ट्रीय हैं.''
आपको बता दें कि पेट्रोल डीजल की कीमत इतिहास के सबसे उच्चतम स्तर पर है. बुधवार को पेट्रोल का भाव दिल्ली में 79.31 रुपये प्रति लीटर पर रहा. वहीं कोलकाता में पेट्रोल 82.22 रुपये, मुंबई में 86.72 रुपये और चेन्नई में 82.41 रुपये प्रति लीटर रही. दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में डीजल की कीमतें बुधवार को क्रमश: 71.34 रुपये, 74.19 रुपये, 75.74 रुपये और 75.39 रुपये प्रति लीटर रहीं.
पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमतों की वजह से विपक्षी दल सरकार की नीतियों को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं और देशभर के कई शहरों में लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. कांग्रेस ने पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने की मांग की है. पार्टी का कहना है डीजल की कीमत बढ़ने से महंगाई में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है.
वहीं भारतीय रुपया बुधवार के कारोबार में डॉलर के मुकाबले रिकॉर्ड नए स्तर तक लुढ़क गया. पूर्वाह्न 11.40 बजे रुपया 71.76 के स्तर पर रहा. इस दौरान रुपया अपने सर्वकालिक निचले स्तर 71.79 तक भी लुढ़क गया था. विश्लषेकों के मुताबिक, कच्चे तेल की बढ़ी कीमतों और अन्य वजह से रुपये पर दबाव बढ़ा है.
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