नई दिल्ली: आज लोकसभा ने बिना किसी बहस के 2018-19 के लिए वित्त विधेयक पास कर दिया. विपक्षी दलों ने इस बिल के लिए मतदान नहीं किया और पूरी प्रक्रिया को खारिज किया. इससे पहले साल 2013-14 और 2003-04 में बिना किसी बहस के वित्त विधेयक कर दिया गया था. संसदीय भाषा में इसे 'गिलोटिन के जरिए' विधेयक को पारित करना कहते हैं. जब किसी बहसे के बिना बिल पास किया जाता है तो उसे गिलोटिन कहते हैं.


हंगामे के बीच वित्त और विनियोग विधेयक पारित करने के बाद लोकसभा की बैठक 12 बज कर करीब 40 मिनट पर पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई है. इस बिल को पास करते हुए विभिन्न मंत्रालयों की अनुदान मांगों को ध्वनिमत से मंजूरी दी गई. मंगलवार को सदन में वोटिंग के लिए बिल लाया गया था लेकिन विपक्ष ने इस बिल पर भारी विरोध जताया था.





विपक्ष ने इस बात का भारी विरोध किया कि बिना किसी बहस के इस बिल को पास किया गया. कांग्रेस, तृणमूल, डीएमके, आरजेडी, एसपी, लेफ्ट, एनसीपी और अन्य नाराज सांसदों ने लोकसभा स्पीकर को विज्ञप्ति दी और अपनी आपत्ति जाहिर की. विपक्ष ने कहा, "सरकार का ये अहंकार है कि सदन में उन्होंने विपक्ष से चर्चा किए बिना बिल पास करने का एकतरफा कदम उठाया."