जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला ने एक ही दिन में दो विवादित बयान दिए हैं. पहला बयान उन्होंने व्हाइट टेरर मॉड्यूल में पकड़ाए आतंकवादियों को लेकर दिया है, दूसरा उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर दिया है. अब्दुल्ला का कहना है कि जांच में इन कारणों का पता लगाया जाए, कि आखिर क्यों डॉक्टरों ने यह रास्ता अपनाया है. 

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अब्दुल्ला ने कहा, 'जिम्मेदार लोगों से पूछिए कि इन डॉक्टरों को यह रास्ता क्यों अपनाना पड़ा? क्या कारण था? इसकी जांच करने की जरूरत है.'

उन्होंने एक और ऑपरेशन सिंदूर होने की संभावना पर चिंता जताई. अब्दुल्ला ने कहा, 'मुझे उम्मीद है कि ऑपरेशन सिंदूर नहीं होगा. इसका कोई नतीजा नहीं निकला. हमारे अठारह लोग मारे गए. हमारी सीमाओं के साथ समझौता किया गया. मुझे उम्मीद है कि दोनों देश अपने संबंधों में सुधार करेंगे. यही एकमात्र रास्ता है. मैं वाजपेयी जी की बात दोहराना चाहता हूं कि दोस्त बदले जा सकते हैं, लेकिन पड़ोसी नहीं बदले जा सकते.'

इसके अलावा उन्होंने श्रीनगर स्टेशन के स्टोर रूम में हुए विस्फोट पर भी चिंता जताई. उन्होंने उन अधिकारियों की अलोचना की, जिन्होंने इन विस्फोटक सामाग्री का गलत प्रबंधन किया था. इस हादसे में 9 लोग मारे गए थे. उन्होंने कहा कि ये हमारी गलती है. जो इन विस्फोटकों को बेहतर समझते हैं, उन अधिकारियों से बात करनी चाहिए थी. 

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, 'आपने नतीजा देखा - नौ लोगों की जान चली गई. वहां घरों को बहुत नुकसान हुआ. दिल्ली ब्लास्ट के बाद से कश्मीर के लोगों पर उंगली उठाई जा रही हैं. वह दिन कब आएगा जब वे स्वीकार करेंगे कि हम भारतीय हैं और हम इसके लिए जिम्मेदार नहीं हैं?'

10 नवंबर को हुआ था दिल्ली में ब्लास्ट

बता दें कि दिल्ली में 10 नवंबर की शाम को लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास चलती कार में एक जोरदार धमाका हुआ था. ये धमाका इतना बड़ा कि इसकी चपेट में आसपास की कई गाड़ियां भी आ गईं थी. इस कार में डॉ उमर बैठा था, जिसके धमाके में चिथड़े उड़ गए थे. इस धमाके में 12 लोगों की मौत हो चुकी है.