जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला ने 'द कश्मीर फाइल्स' पर दिए एक बयान में कहा कि, 'सरकरा इस फिल्म के जरिए हमारे प्रति लोगों में नफरत फैलाना चाहती है.' फारुख अब्दुल्ला ने साफ कहा, 'इस फिल्म को केवल इसलिए टैक्स फ्री किया जा रहा है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इस फिल्म को देखें और हम से नफरत करें.' 


फारुख अब्दुल्ला ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार साजिश कर लोगों के मन में हमारे प्रति नफरत पैदा करना चाहती है. उन्होंने कहा, सरकार चाहती है कि हर पुलिसकर्मी और फौजी इस फिल्म देखें और हमारे लिए उसके मन में नफरत पैदा हो जाए. ठीक उसी तरह जैसे जर्मनी में हिटलर और गोब्लिंस ने मिलकर किया था जिसके चलते 60 लाख यहूदियों को इसकी कीमत चुकानी पड़ी थी. उन्होंने आगे कहा, पता नहीं अब हम में से कितने लोगों को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी. 


प्रोपेगेंडा फिल्म है- फारुख


फारुख अब्दुल्ला ने कश्मीर फाइल्स को एक प्रोपेगेंडा फिल्म करार किया. उन्होंने कहा कि, इस फिल्म में उस घटना को दिखाया जिससे राज्य का हर नागरिक प्रभावित हुआ है फिर चाहे वो हिंदू हो या मुस्लमान या किसी और जात का. उन्होंने आगे कहा कि, मैं आज भी अगर उस दौर को याद करता हूं तो मेरा दिल खून के आंसू रोता है. मेरे साथ पार्टी के विधायकों और कार्यकर्ताओं ने पेड़ों पर लटकी लाश के टुकड़ों को उतारा है. फारुख ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा, कुछ सरकारें उस घटना से राजनीतिक लाभ उठाना चाहती हैं. 


मुसलमानों, सिखों के साथ हुई हिंसा की घटनाओं का भी सच लाया जाए- फारुख


फारुख ने इस पर और बात करते हुए कहा, एक ऐसी कमीशन भी बनानी चाहिए जो कश्मीर पंड़ित समेत राज्य के मुसलमानों, सिखों के साथ हुई हिंसा की घटनाओं का भी सच सामने ला सके. बता दें, कश्मीर फाइल्स कश्मीर पंड़ितों पर बनी फिल्म है जिसे बीजेपी शासित राज्यों में टैक्स फ्री कर दिया गया है. 


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