Farooq Abdullah on PM Modi: जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) को लेकर पूछे गए एक सवाल पर बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि भारत पीओके को वापस ले सकता है या नहीं, यह फैसला पूरी तरह प्रधानमंत्री पर निर्भर करता है. 

न्यूज एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए उन्होंने कहा, "यह फैसला प्रधानमंत्री का है. फारूक अब्दुल्ला इस मामले में उन्हें कोई सलाह नहीं दे सकते. प्रधानमंत्री सलाह मानने के लिए तैयार नहीं होते." ये पूछे जाने पर कि 'पीएम के हाथ में देश सुरक्षित है?' उन्होंने कहा, "अगर देश सुरक्षित न होता, तो वह पीएम न होते. आज प्रधानमंत्री को हर किसी का ख्याल रखना है. देश के हर नागरिक की सुरक्षा करनी है और वह कर रहे हैं."

सिंधु जल समझौता रोकने पर क्या बोले फारूक अब्दुल्ला?

फारूक अब्दुल्ला ने सिंधु जल समझौता रोकने की हिमायत करते हुए कहा कि मैं तो पहले से कहता रहा हूं कि इसे री-नेगोशिएट करना चाहिए. उन्होंने कहा कि पानी हमारा है. हमारे यहां पहले से पानी की कमी है. हमारा ही पानी और हम ही इस्तेमाल नहीं करते हैं. जबकि, इस पर हम लोगों का पूरा हक है. ऐसे में अब ट्रीटी को री-नेगोशिएट करने का वक्त आ गया है.

फारूक अब्दुल्ला ने पहलगाम हमले को बताया बेहद दर्दनाक

इससे पहले फारूक अब्दुल्ला ने पहलगाम हमले को बेहद दर्दनाक बताया था. उन्होंने कहा कि यह किसी भी हाल में नहीं होना चाहिए था. उन्होंने आगे कहा, "मेरी मांग है कि आतंकियों को जल्द पकड़कर सजा दी जाए, ताकि इस तरह की घटना को अंजाम देने के बारे में कोई सोचे भी नहीं." फारूक अब्दुल्ला ने साफ कहा कि ये घटना बिना लोकल मदद के नहीं हो सकती है. जब तक इन आतंकियों का कोई साथ नहीं देगा, ऐसा हमला नहीं होगा. उन्होंने आगे कहा कि मैंने कहा था मसूद अजहर को मत छोड़िए. इसने कईयों का मारा है. मेरे भाई को मारा है.

ये भी पढ़ें-

'हमें भी सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाने का अधिकार', भारत से तनाव के बाद अलग-थलग पड़ा पाकिस्तान, अब UN में गिड़गिड़ाया