Farmers protest: रेल मंत्री पीयूष गोयल ने लेफ्ट पर फोड़ा ठीकरा, बोले- वामपंथी नेता देना चाहते हैं कुछ और मोड़

एबीपी न्यूज़   |  11 Dec 2020 08:09 PM (IST)

पीयूष गोयल ने कहा कि शायद किसानों के नाम पर अलग ही वामपंथी माओवादी एजेंडा चलाने की कोशिश हो रही है. उन्होंने सवाल किया कि आखिर किसानों के मुद्दे से शरजील इमाम का क्या लेना-देना है?

नए कृषि कानूनों पर किसानों के प्रदर्शन को लेकर केन्द्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने वामपंथी दलों पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन में कुछ लेफ्ट के नेता घुस आए हैं जो इसे कुछ और मोड़ देना चाहते हैं क्योंकि उनका मकसद इसका समाधान नहीं बल्कि कुछ और ही है. उन्होंने कहा कि मुझे नहीं मालूम कि आखिर उनकी क्या योजना है, लेकिन लेफ्ट और माओवादी नेता कुछ अलग ही एजेंडा चलाना चाह रहे हैं. उन्होंने किसान आंदोलन के समर्थन को लेकर कांग्रेस पार्टी पर भी हमला बोला.

वामपंथी-माओवादी एजेंडा चलाने की कोशिश

गोयल ने कहा कि शायद किसानों के नाम पर अलग ही वामपंथी-माओवादी एजेंडा चलाने की कोशिश हो रही है. उन्होंने सवाल किया कि आखिर किसानों के मुद्दे से शरजील इमाम का क्या लेना-देना है? उन्होंने कहा कि संभव है कि लेफ्ट नेताओं की वजह से गतिरोध बना हुआ है. गोयल ने कहा कि किसानों के नाम पर जो लेफ्ट का एजेंडा चलाया जा रहा है उसे देश कभी भी स्वीकार नहीं करेगा.

देश में बनी रहेगी मंडी व्यवस्था

केन्द्रीय मंत्री ने कहा- “देश में मंडी की व्यवस्था बनी रहेगी, MSP पर फसलों की खरीद जारी रहेगी. हमने किसानों के फायदे के लिए कानून बनाया है. किसानों की चिंताओं का समाधान निकाला जाएगा. हम किसी भी बात पर नहीं अड़े हैं. अगर कोई शंका है तो चर्चा को तैयार हैं.”

कानून में ऐसा क्या है जो उनके हित में नहीं है, अगर ऐसा है तो हमें बताएं. कांग्रेस ने अपने मैनिफस्टो में ऐसा क्यों लिखा? क्यों शरद पवार यूपीए सरकार के समय पत्र व्यवहार किया और बताया कि किसानों को और मौके उपलब्ध कराएं उत्पाद को बेचने के लिए. पीएम मोदी ने किसानों के हित को सर्वोपरि रखते हुए ये किया है.- गोयल ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा

पीएम मोदी ने किया है आश्वस्त

केन्द्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने आगे कहा- एमएसपी पर कृषि मंत्री ने लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदन में आश्वस्त किया. पीएम मोदी खुद यह कह चुके हैं. अगर कांग्रेस को कुछ संदेह है तो कांग्रेस ने क्यों कानून नहीं बनाया? आज भी एमसीपी के तहत खरीद कानून के तहत ही होती है. एमसीपी की व्यवस्था थी, आज भी है और रहेगी भी.

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